नितीश कुमार रेड्डी मांसपेशियों में खिंचाव के कारण इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज से बाहर हो गये हैं। नितीश कुमार रेड्डी ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर सबको प्रभावित किया था। हालांकि, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था। ऑस्ट्रेलिया में नितीश कुमार रेड्डी ने बॉक्सिंग-डे टेस्ट में शतक बनाकर भारत को मुश्किल स्थिति से बाहर निकाला। 21 साल के नितीश कुमार रेड्डी ने अक्टूबर 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में खेले गये मैच से टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया।
मैं 10 मिनट तक सदमे में था: मुत्यालु
नितीश कुमार रेड्डी की सफलता की कहानी पिता-पुत्र की अविश्वसनीय यात्रा है जो बाधाओं के बावजूद आगे बढ़ी। द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में नितीश के मुत्यालु रेड्डी ने बताया, ‘जब उसने मुझे बताया कि वह भारत के लिए टेस्ट मैच खेलने जा रहे हैं तो मुझे समझ नहीं आया कि मैं क्या प्रतिक्रिया दूं। अगर आप उम्मीद कर रहे होते तो आपकी प्रतिक्रिया कुछ न कुछ होती, लेकिन न तो मुझे और न ही नितीश को अपने करियर की शुरुआत में इस कॉल की उम्मीद थी। मैं 10 मिनट तक सदमे में था। मैंने उससे फिर से पूछा कि क्या वह सच बोल रहा है।’
अभी किराये के घर में ही रहता है नितीश का परिवार
भारत के लिए खेलने के बाद लोकप्रियता में वृद्धि और आईपीएल फ्रेंचाइजी सनराइजर्स हैदराबाद से 6 करोड़ रुपये की रिटेंशन फीस मिलने के बावजूद नितीश और उनका परिवार विशाखापत्तनम के बाहरी इलाके मधुरवाड़ा में किराये के घर में ही रहता है। विनम्रता रेड्डी परिवार के लिए एक गहना है।
बाधाओं के बावजूद काम करने का जुनून और आलोचनाओं से निपटने में दृढ़ता, ऐसे गुण हैं जो उनसे हासिल किए जा सकते हैं जिन्होंने इस अविश्वसनीय पिता-पुत्र की यात्रा देखी है। यह सब बचपन में नितीश की शरारत से शुरू हुआ। मुत्यालु ने कहा, ‘मैं चाहता था कि उस समय उसका दिमाग किसी चीज में लगा रहे। आखिरकार उसे इसमें अपनी रुचि मिल गई।’
इस वजह से नहीं छोड़ा सनराइजर्स हैदराबाद का साथ
मुत्यालु ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से जुड़ी एक घटना शेयर की। उन्होंने बताया, ‘आईपीएल नीलामी से पहले कुछ फ्रेंचाइजी चाहती थीं कि नितीश SRH (सनराइजर्स हैदराबाद) से बाहर हो जाएं और 15 करोड़ से अधिक की रकम की पेशकश की। जब मैंने उसे ऑफर के बारे में बताया तो नितीश ने मुझसे पूछा, ‘हमें Life किसने दी, मेरा नाम कहां से आया?’ मैंने जवाब दिया- SRH, फिर उसने कहा, ‘फिर मैं उन्हें क्यों छोड़ूं?’
मुत्यालु ने कहा, ‘नितीश ने मुझसे कहा- अगर मैं उस फ्रेंचाइजी के साथ जाता हूं जो मुझे अधिक पैसे दे रही है तो मुझे खुद को फिर से साबित करना होगा। यदि मैं एक बार असफल हो जाऊं, मुझे बेंच पर बैठा दिया जाएगा, लेकिन SRH के साथ अगर मैं कुछ खराब स्कोर भी करता हूं तो वे मेरा समर्थन करेंगे।’ यह सुनने के बाद मैंने उसे इसी फैसले पर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।’
जिम्बाब्वे दौरे से पहले चोटिल हो गए थे नितीश कुमार रेड्डी
नितीश को जिम्बाब्वे दौरे के लिए चुना गया था, लेकिन वह चोटिल हो गया और उसे टीम से बाहर कर दिया गया। तभी उसने फिट होने का फैसला किया। एनसीए (नेशनल क्रिकेट एकेडमी) में हार्दिक पंड्या से बातचीत के बाद उसने अपना आहार बदल दिया।
मुत्यालु बताते हैं, ‘वह खाने का बहुत शौकीन था। हम जो भी मछली, झींगा और चिकन पकाते थे, वह उसे बिना किसी सीमा के खा लेता था। लेकिन अब वह कुछ भी खाने से पहले अपना वजन तौलता है। उदाहरण के लिए, एक दिन वह 200 ग्राम चिकन खाता है और एक दिन 500 ग्राम झींगा। एक पोषण विशेषज्ञ से बात करने के बाद उसने अपनी जरूरतों के हिसाब से आहार तैयार किया और उसी पर टिका हुआ है।’
पिता ने मेरी लिए अपनी नौकरी छोड़ दी: नितीश
नितीश रेड्डी ने bcci.tv से कहा, ‘ईमानदारी से कहूं तो मैं जब छोटा था, तब मैं गंभीर नहीं था। मेरे पिता ने मेरे लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। मेरी सफलता के पीछे उनका बहुत त्याग है। एक दिन, मैंने उन्हें वित्तीय समस्याओं के कारण रोते हुए देखा, जिसका हम सामना कर रहे थे और मैंने सोचा, आप इस तरह से नहीं हो सकते। फिर मैं गंभीर हो गया। मैंने अपनी पहली जर्सी उन्हें दी और उनके चेहरे पर खुशी देखी।’
नितीश की कहानी के हीरो हैं मुत्यालु: बचपन के कोच
नितीश के बचपन के कोच कुमार स्वामी इस ऑलराउंडर को तब से जानते हैं जब वह 6 साल के थे। कुमार स्वामी के लिए नितीश की सफलता ऑलराउंडर के साथ उनके पिता मुत्यालु रेड्डी के संघर्ष की भी देन है। उन्होंने कहा, ‘अपनी फिल्म में हर कोई हीरो बनना चाहता है, लेकिन जब नितीश की बात आती है तो मुत्यालु ही हीरो हैं। यह उनके पिता की कड़ी मेहनत ही है जिसने उसको जीवन में कुछ हासिल करने के लिए प्रेरित किया।’
