भारत को सोमवार को यहां नीदरलैंड के हाथों 1-3 से हार का सामना करना पड़ा जो उसकी विश्व हाकी लीग (एचडब्लूएल) फाइनल में दूसरी हार है। इस हार के साथ भारत पूल बी में अंतिम स्थान पर रहा। नीदरलैंड ने 36वें मिनट में बढ़त हासिल की जब मिंक वान डर वीर्डन ने पेनल्टी कार्नर पर गोल किया। इसके बाद मिर्को प्रूइसर (43वें मिनट) और रोइल बोवेनडीर्ट (54वें मिनट) ने दो मैदानी गोल किए। भारत की तरफ से एकमात्र गोल 47वें मिनट में चिंगलसाना सिंह ने किया।

मैच की पूर्व संध्या पर भारत के मुख्य कोच रोलैंट ओल्टमैंस ने कहा था कि भारतीय टीम अगर हाकी में आगे बढ़ना चाहती है तो उसे अपने प्रदर्शन में निरंतरता लानी होगी लेकिन लगता है कि उनके खिलाड़ियों पर इसका असर नहीं पड़ा और उन्होंने फिर से लचर प्रदर्शन किया और आठ टीमों के टूर्नामेंट में दूसरी हार झेली। इसका मतलब है कि भारत पूल बी में सबसे निचले पायदान पर रहा। उसने तीन मैचों में एक अंक हासिल किया और उसे बुधवार को क्वार्टर फाइनल में पूल ए से शीर्ष पर रहने वाली टीम से भिड़ना होगा। इस बीच, नीदरलैंड पूल बी से शीर्ष पर पहुंच गया। उसने दो जीत से सात अंक हासिल किया और उसे पूल ए से सबसे निचली पायदान पर रहने वाली टीम का सामना करना है।

इस जीत से नीदरलैंड ने पिछले साल भुवनेश्वर में चैंपियंस ट्राफी के दौरान पूल मैचों में भारत से मिली 2-3 की हार का बदला भी चुकता कर दिया। अर्जेंटीना के खिलाफ निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भारत ने ओलंपिक चैंपियन जर्मनी को 1-1 से बराबरी पर रोका था और उसके बाद ओल्टमैंस ने खिलाड़ियों से अपने इस प्रदर्शन को आगे भी बरकरार रखने के लिए कहा था। लेकिन लगता है कि कोच की बात खिलाड़ियों ने अनसुनी कर दी क्योंकि उन्होंने जर्मनी के खिलाफ जैसा प्रदर्शन किया था आज वे उसके करीब भी नहीं पहुंचे।

शनिवार को जर्मनी के खिलाफ दबदबे वाला खेल दिखाने वाली भारतीय टीम का आज गेंद पर कब्जा 36 फीसद रहा जबकि नीदरलैंड का 64 फीसद। इसी से पता लगता है कि टीम कितना लचर खेली। भारतीय टीम गोल पर आठ शाट ही लगा पाई जबकि नीदरलैंड ने 18 शाट गोल पर मारे। भारत ने पहले क्वार्टर में विरोधी टीम के सर्किल में सेंध लगाई लेकिन फारवर्ड इन मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रहे। भारत को 11वें मिनट में गोल करने का मौका मिला जब धरमवीर सिंह का दाएं छोर से क्रास सर्किल के अंदर खड़े रमनदीप सिंह को मिला लेकिन स्ट्राइकर के पुश को नीदरलैंड के गोलकीपर जाप स्टोकमैन ने रोक दिया। इसके चार मिनट बाद थियरी ब्रिंकमैन ने नीदरलैंड के लिए पहला मौका बनाया लेकिन उनका पुश गोलपोस्ट के ऊपर से निकल गया।

दूसरे क्वार्टर में नीदरलैंड को अधिक मौके मिले लेकिन वे इन्हें गोल में नहीं बदल पाए। तीसरे क्वार्टर के शुरू में भारत को गोल करने का अवसर मिला लेकिन आकाशदीप सिंह दाएं छोर से मनप्रीत सिंह के क्रास को नहीं संभाल पाए। नीदरलैंड को इसके तुरंत बाद पहला पेनल्टी कार्नर मिला और मिंक वान डर ने उस पर गोल करने में गलती नहीं की। इसके चार मिनट बाद भारतीय गोलकीपर श्रीजेश ने सेवे वान एस के शाट को बचाकर भारत पर आया खतरा टाला। लेकिन नीदरलैंड 43वें मिनट में दूसरा गोल करने में सफल रहा।

इसके लिए भारतीय रक्षापंक्ति जिम्मेदार रही जिसने प्रूइसर को बाक्स के अंदर अकेला छोड़ दिया। इस स्ट्राइकर को वान डर वीर्डन के क्रास को गोल में डालने में कोई परेशानी नहीं हुई। इसके चार मिनट बाद भारत ने अपना पहला गोल किया। भारत को पहला पेनल्टी कार्नर मिला। रूपिंदर पाल सिंह के फ्लिक को नीदरलैंड के गोलकीपर ने रोक दिया लेकिन चिंगलसाना रिबाउंड पर गोल करने में सफल रहे। लगता है कि इससे भी भारतीयों का आत्मविश्वास नहीं जागा क्योंकि उन्होंने हूटर बजने से छह मिनट पहले एक और गोल खा दिया जिससे स्कोर हालैंड ने स्कोर अपने पक्ष में 3-1 कर दिया। बोवेनडीर्ट को बाक्स के अंदर काफी जगह मिली और उन्होंने फ्लोरिस वान डर लिंडेन के प्रयास को बेकार नहीं जाने दिया जिन्होंने तीन रक्षकों को छकाकर गेंद उन तक पहुंचाई थी।