ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने मंगलवार को नई दिल्ली में एक इवेंट में बताया कि क्यों उन्हें शाकाहारी से मांसाहारी बनना पड़ा। शाकाहारी होने की वजह से उन्हें विदेश में नेचुरल डाइट की कमी पूरा करने में दिक्कत आती थी। भारत में दाल वगैरह मिल जाता था, लेकिन विदेश में काफी दिक्कत होती थी। यही वजह है कि गोल्डेन ब्वॉय को नॉन वेजिटेरियन बनना पड़ा।

नीरज चोपड़ा ने सप्लिमेंट ब्रांड ऑप्टिमम न्यूट्रिशन के साथ जुड़ने के दौरान अपनी फिटनेस, डाइट और चीट मील समेत अन्य मुद्दों पर बात की। उन्होंने बताया कि उन्हें चाय बहुत पसंद है। विदेश में चाय नहीं मिलती है। ऐसे में वह चाय का कोटा भारत में ही पूरा करके जाते हैं। नीरज ने बताया कि चीट मील में वह चूरमा खाना पसंद करते हैं। 2024 में पेरिस ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए वह अपनी डाइट का खास ख्याल रख रहे हैं।

शाकाहारी से मांसाहारी क्यों बने नीरज

नीरज चोपड़ा शाकाहारी से मांसाहारी क्यों बने? इसके बारे में उन्होंने बताया,” न्यूटीशियन का पार्ट स्पलिमेंट होता है। एक सपोर्ट होती है, लेकिन साथ में नेचुरल डाइट बहुत ज्यादा जरूरी है। मैं उस समय पोलैंड में था। सीनियर नॉन वेज खाते थे। मैं ज्यादातर वेज ही खाता था। उधर क्या मिलता है? चावल मिल जाता है। पत्ते मिल जाते हैं एक आदा। ऐसा लगता था गांव में भैंस वगैरह खाती हैं वही खाना पड़ता था। घर वाले अभी भी मजाक कर लेते हैं कि चारा खा लिया।”

स्वाद की वजह से नहीं खाते नॉन वेज

नीरज चोपड़ा ने आगे कहा, “नॉन वेज को लेकर स्वाद का चक्कर नहीं है। मैं मानता हूं कि स्पोर्ट्स कर रहे हैं कर्म ही धर्म है तो स्पोर्ट्स में इसकी जरूरत पड़ती है। बाहर ऑप्शन नहीं मिलता। इंडिया में काफी ऑप्शन होते हैं वेज के। दाल वगैरह मिल जाती है। वहां पर सप्लिमेंट्स पूरा हो रहा था, लेकिन नेचुरल डाइट की कमी रह जाती थी। तो मैंने शुरू किया था। सब चीजों की कॉम्बिनेशन बहुत ज्यादा जरूरी है। हम नेचुरल डाइट और सप्लिमेंट बहुत अच्छे से लेते हैं। ये हमें ट्रेनिंग और रिकवरी में मदद करती है।”