Narinder Batra Resigns: नरिंदर बत्रा ने सोमवार 18 जुलाई 2022 को एक साथ 3 पद छोड़ दिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया। साथ ही अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) की सदस्यता छोड़ दी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने 25 मई 2022 को हॉकी इंडिया में ‘आजीवन सदस्य’ के पद को खत्म कर दिया था। इस कारण नरिंदर बत्रा को भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) का अध्यक्ष पद छोड़ना पड़ा था।
नरिंदर बत्रा ने 2017 में हॉकी इंडिया के आजीवन सदस्य के रूप में ही आईओए का चुनाव लड़ा और जीता था। नरिंदर बत्रा ने तीन अलग अलग पत्रों के जरिए आधिकारिक रूप से आईओए, आईओसी और एफआईएच में अपने पदों से इस्तीफा दिया। नरिंदर बत्रा ने एआईएच के कार्यकारी बोर्ड को लिखा, ‘निजी कारणों से मैं एफआईएच के अध्यक्ष पद से इस्तीफा सौंपता हूं।’
नरिंदर बत्रा की आईओसी सदस्यता उनकी आईओए अध्यक्षता से जुड़ी थी, लेकिन एफआईएच (FIH) से उनका इस्तीफा हैरानी भरा है, क्योंकि उन्होंने मई 2022 में कहा था कि वह अब विश्व हॉकी संस्था में अपने काम पर ध्यान लगाना चाहते हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने खंडपीठ के समक्ष लंबित उनकी अपील पर स्टे देने से इंकार कर दिया था। संभवत: इस कारण ही नरिंदर बत्रा ने इस्तीफा देने का फैसला किया। इस मामले की सुनवाई 26 जुलाई को होनी है।
उच्च न्यायालय द्वारा हटाए जाने के बाद नरिंदर बत्रा ने बयान जारी कर कहा था कि वह आईओए (IOA) के आगामी चुनाव में हिस्सा नहीं लेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि अब उनका पूरा ध्यान विश्व हॉकी के प्रबंधन पर रहेगा। 65 साल के नरिंदर बत्रा पहली बार 2017 में आईओए अध्यक्ष बने थे। वह दोबारा अध्यक्ष पद के लिए चुनौती पेश करने के पात्र थे। आईओए के चुनाव दिसंबर 2021 में होने थे, लेकिन चुनाव प्रक्रिया में संशोधन के कारण ये तय समय पर नहीं हो पाए।
नरिंदर बत्रा 2019 में आईओसी (IOC) के सदस्य बने। बाद में उन्हें ओलंपिक चैनल आयोग का भी सदस्य बनाया गया। नरिंदर बत्रा 2016 में एफआईएच अध्यक्ष बने। पिछले साल उन्हें दूसरे कार्यकाल के लिए इस पद पर चुना गया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने ओलंपियन और हॉकी विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे असलम शेर खान की अवमानना याचिका पर नरिंदर बत्रा को आईओए अध्यक्ष के रूप में काम करने से रोका था।
दिल्ली हाई कोर्ट ने इसके बाद आईओए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल खन्ना को आईओए का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया था। नरिंदर बत्रा के कार्यकाल के दौरान कई विवाद हुए थे। आईओए उपाध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने 2020 में आईओसी को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि शीर्ष पद पर चुनाव के दौरान अनियमितताएं बरती गईं और नरिंदर बत्रा ने घोषणा पत्र में झूठी जानकारी दी।
हाल में नरिंदर बत्रा ने भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश आरएम लोढ़ा के खिलाफ सोशल मीडिया पोस्ट के लिए माफी मांगी थी। इस पोस्ट के कारण उनसे आईओए अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की मांग की गई थी। अप्रैल में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भी सार्वजनिक कोष में कथित अनियमितताओं के लिए नरिंदर बत्रा के खिलाफ शुरुआती जांच शुरू की थी।
सीबीआई ने नरिंदर बत्रा से जुड़े परिसरों पर मारे छापे
इस बीच, सीबीआई ने नरिंदर बत्रा से जुड़े दिल्ली और जम्मू के पांच परिसरों पर छापा मारा। अधिकारी ने बताया कि भ्रष्टाचार के कथित मामले में उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के बाद तलाशी ली गई। उन्होंने कहा कि नरिंदर बत्रा के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी को शिकायत मिली थी। इसके बाद जांच एजेंसी ने इस साल अप्रैल में प्रारंभिक जांच शुरू की। जो प्रथमदृष्टया आरोप स्थापित करने की दिशा में पहला कदम है। अधिकारी ने बताया कि शिकायत में आरोप लगाया गया है कि हॉकी इंडिया के 35 लाख रुपये बत्रा के निजी फायदे के लिए इस्तेमाल किए गए।