प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार एक जुलाई 2025 को राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025 को मंजूरी दे दी। इसका उद्देश्य देश के खेल परिदृश्य को नया आकार देने और खेलों के जरिए लोगों को सशक्त बनाना है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि खेलो भारत नीति का उद्देश्य 2047 तक भारत को शीर्ष पांच खेल राष्ट्रों में से एक बनाना है।

कैबिनेट के फैसलों के बारे में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलों पर, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि नई नीति इसी प्रयास का हिस्सा है। नीति का दूसरा प्रमुख उद्देश्य खेल को ‘जन आंदोलन’ बनाना है।

नई नीति मौजूदा राष्ट्रीय खेल नीति, 2001 के स्थान पर लाई गई है। यह भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करने और 2036 ओलंपिक खेलों सहित अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के लिए एक मजबूत दावेदार के रूप में स्थापित करने के लिए दूरदर्शी और रणनीतिक रोडमैप है।

नरेंद्र मोदी सरकार का मानना है कि राष्ट्रीय खेल नीति 2025 भारत को विश्वस्तर पर अग्रणी खेल राष्ट्र बनने की दिशा में एक परिवर्तनकारी पथ पर आगे बढ़ाएगी। साथ ही अधिक स्वस्थ, अधिक सक्रिय और सशक्त नागरिक तैयार करेगी। नई राष्ट्रीय खेल नीति निम्नलिखित 5 प्रमुख स्तंभों पर आधारित है।

  1. वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता।
  2. आर्थिक विकास के लिए खेल।
  3. सामाजिक विकास के लिए खेल।
  4. जन आंदोलन के रूप में खेल।
  5. शिक्षा के साथ एकीकरण (एनईपी 2020)।

वैश्विक मंच पर उत्कृष्टता

  • खेल प्रतिभा की शीघ्र पहचान और उसे तैयार करने के तंत्र सहित जमीनी स्तर से लेकर शीर्ष स्तर तक खेल कार्यक्रमों को सुदृढ़ करना।
  • प्रतिस्पर्धी लीग और प्रतियोगिताओं की स्थापना को बढ़ावा देना और ग्रामीण तथा शहरी दोनों क्षेत्रों में खेल बुनियादी ढांचे का विकास करना।
  • प्रशिक्षण, कोचिंग और खिलाड़ियों को सहयोग के लिए विश्वस्तरीय प्रणाली बनाना।
  • राष्ट्रीय खेल महासंघों की क्षमता और प्रबंधन को बढ़ाना।
  • खेल प्रदर्शन को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान, चिकित्सा और प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना।
  • कोच, तकनीकी अधिकारियों और सहायक कर्मचारियों सहित खेल कर्मियों को प्रशिक्षित और विकसित करना।

आर्थिक विकास के लिए खेल

  • खेल पर्यटन को बढ़ावा देना और भारत में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन कराने का प्रयास करना।
  • खेल विनिर्माण परितंत्र को मजबूत करना और इस क्षेत्र में स्टार्टअप तथा उद्यमिता को बढ़ावा देना।
  • सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी), कॉरपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) और अभिनव वित्तपोषण पहलों के जरिए निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना।

सामाजिक विकास के लिए खेल

  • नई खेल नीति में सामाजिक समावेशन को आगे बढ़ाने में खेलों की भूमिका पर जोर।
  • केंद्रित कार्यक्रमों के जरिए महिलाओं, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, आदिवासी समुदायों और दिव्यांगजनों के बीच भागीदारी को बढ़ावा देना।
  • स्वदेशी और पारंपरिक खेलों को पुनर्जीवित करना और बढ़ावा देना।
  • शिक्षा से खेलों को जोड़कर, स्वयंसेवा को प्रोत्साहित करके और दोहरे करियर के रास्ते को सुविधाजनक बनाकर खेलों को एक व्यवहार्य करियर विकल्प के रूप में स्थापित करना।
  • खेलों के माध्यम से भारतीय प्रवासियों को शामिल करना।

जन आंदोलन के रूप में खेल

  • राष्ट्रव्यापी अभियानों और समुदाय-आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से खेल में जन भागीदारी और फिटनेस की संस्कृति को बढ़ावा देना।
  • स्कूलों, कॉलेजों और कार्यस्थलों आदि के लिए फिटनेस सूचकांक शुरू करना।
  • खेल सुविधाओं तक सबकी पहुंच को बढ़ाना।

शिक्षा के साथ एकीकरण (एनईपी 2020)

  • स्कूली पाठ्यक्रम में खेलों को शामिल करना।
  • खेल शिक्षा और जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए शिक्षकों और शारीरिक शिक्षा शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण देकर तैयार करना।