टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता वीके ओझा को बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में साल 2013 में फर्जी खाता खोलने और किसान क्रेडिट कार्ड से हुए लगभग सवा करोड़ रुपये के गबन के मामले में मुलताई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार एफआईआर दर्ज होने के बाद से वह फरार चल रहे थे।

क्रिकेट के पिता पर आरोप है कि वह जौलखेड़ा में बैंक के शाखा प्रबंधक के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान अपने सहयोगियों के साथ गबन में लिप्त थे। इसके कारण उनके खिलाफ साल 2013 में मुलताई पुलिस स्टेशन में आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। उन्हें मुलताई पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।

मुलताई थाना प्रभारी सुनील लता ने गिरफ्तारी की जानकारी की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस को वीके ओझा की तलाश थी। उनपर आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी, 34 और आईटी एक्ट की धारा 65,66 के तहत मामला दर्ज है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले में शामिल अन्य सभी आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस के अनुसार अभिषेक रत्नम नाम का व्यक्ति वर्ष 2013 में बैंक ऑफ महाराष्ट्र में जौलखेड़ा में शाखा प्रबंधक के पद पर तैनात था। उसने कथित तौर पर दूसरों की मदद से बैंक से कर्ज लेने की साजिश रची। बाद में उसका तबादला कर दिया गया। 2 जून 2013 को लगभग 34 ‘फर्जी खाते’ खोले गए और केसीसी लोन खातों में ट्रांसफर किया गया और 1.25 करोड़ रुपये की राशि निकाली गई। जब यह गबन हुआ तब वीके ओझा शाखा प्रबंधक के पद पर तैनात थे। कुछ अन्य बैंक कर्मचारी भी अपराध में शामिल थे।

घरेलू क्रिकेट में नमन ओझा बड़े नाम रहे हैं। हालांकि, महेंद्र सिंह धोनी और ऋद्धिमान साहा जैसे विकेटकीपर के कारण अंतरारष्ट्रीय क्रिकेट में इन्हें ज्यादा अवसर नहीं मिला। वह सिर्फ एक वनडे और एक टेस्ट मैच और दो टी-20 मैच खेल सके। आईपीएल में उन्होंने तीन टीमों का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने फरवरी 2021 में संन्यास ले लिया था।