सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय विकेट लेने वाले मुथैया मुरलीधरन का आज यानी 17 अप्रैल 2020 को अपना 48वां जन्मदिन है। करीब दो दशक (1992-2011) तक बल्लेबाजों को अपनी फिरकी पर नचाने वाले श्रीलंका के इस गेंदबाज ने अपने करियर में 1347 विकेट लिए हैं। टेस्ट में उनके नाम 800 और वनडे में 534 विकेट दर्ज हैं। वे टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने वाले इकलौते गेंदबाज हैं। वनडे में वे और पाकिस्तान के वसीम अकरम ही 500 से ज्यादा विकेट ले पाए हैं। हालांकि, मुरलीधरन के करियर में एक समय ऐसा भी आया था, जब उनके विकेटों की संख्या 80 से आगे नहीं बढ़ पा रही थी।

दरअसल, करियर के शुरुआत में ही उन्हें ऑस्ट्रेलियाई अंपायर डॉरेल हेयर ने ‘झटका’ दे दिया था। मुरलीधरन ने अगस्त 1992 में टेस्ट और अगस्त 1993 में वनडे क्रिकेट में डेब्यू किया था। साल 1995 में वे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में श्रीलंका की ओर से खेल रहे थे। सीरीज के मेलबर्न टेस्ट में डॉरेल हेरयर ने मुरलीधरन पर चकिंग का आरोप लगाया था। हेयर ने उनकी गेंदों को नो-बॉल देना शुरू कर दिया था। उसके बाद मुरलीधरन के बॉलिंग एक्शन पर सवालिया निशान लगने लगे। उनके ‘दूसरा’ पर भी सवाल खड़े हुए।


ऐसे में चकिंग का ‘कलंक’ झेल रहे मुरलीधरन के लिए भारतीय डॉक्टर ऑर्थोपेडिक सर्जन मनदीप सिंह ढिल्लन फरिश्ता बनकर सामने आए। करियर के आखिरी दिनों में मुरलीधरन ने स्वीकारा था कि डॉ. मनदीप की मदद के कारण ही वे गेंदबाजी में यह मुकाम छू पाए। मुरली की जिंदगी में डॉ. मनदीप सिंह की कितनी अहमियत इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2010 में गॉल में हुए विदाई टेस्ट के दौरान इस स्टार गेंदबाज ने उन्हें विशेष मेहमान के तौर बुलाया था।

डॉ. मनदीप ने ही मुरलीधरन को चकिंग के ‘कलंक’ से छुटकारा दिलाना का तरीका ढूंढ़ा था। डॉ. मनदीप ने प्लास्टिक की एक ऐसी स्ट्रिप (पट्टी) बनाई, जिसे पहनकर मुरलीधरन संदिग्ध बॉलिंग एक्शन की जांच में सफल रहे। बता दें कि ‘चकर’ गेंदबाजी करने का एक अवैध तरीका है। इसमें गेंदबाजी की एल्बो एक्सटेंशन 15 डिग्री से ज्यादा रहता है। आईसीसी के नियमानुसार गेंदबाज अधिकतम 15 डिग्री तक ही अपना हाथ मोड़ सकता है।