दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ के पूर्व सचिव और महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में 2007 टी20 वर्ल्ड कप चैंपियन टीम के मैनेजर सुनील देव का लंबी बीमारी के बाद बुधवार को निधन हो गया। वह 75 वर्ष के थे। सुनील देव के परिवार में पत्नी और बच्चे हैं। सत्तर के दशक के आखिर से 2015 तक डीडीसीए में रहे देव भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की विभिन्न उप समितियों में भी रहे।

सुनील देव दक्षिण अफ्रीका में 2007 में पहला टी20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के प्रशासनिक मैनेजर थे। वह 1996 के दक्षिण अफ्रीका दौरे और 2014 के इंग्लैंड दौरे पर भी भारतीय टीम के प्रशासनिक मैनेजर रहे। जन्मजात व्यंग्यकार, देव ने डीडीसीए की अच्छाई, बुराई सबकुछ दिखाया। वह डीडीसीए में विभिन्न नीतिगत मुद्दों पर विपरीत दृष्टिकोण रखते थे। इसके कारण उनके दोस्त भी बने और दुश्मन भी।

दिल्ली क्रिकेट में सुनील देव की धाक

सुनील देव की दिल्ली क्रिकेट में धाक अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 1990 से 2000 के बीच ऐसा समय था जब रणजी ट्रॉफी या कोई एजग्रुप टीम उनकी मुहर के बिना घोषित नहीं की जाती थी। प्रसिद्ध पत्रकार ‘इकोनॉमिस्ट’ के एशिया संपादक जेम्स एस्टिल ने अपनी किताब “द ग्रेट तमाशा” में सुनील देव के साथ मुलाकात और एक मैच की टिकट बिक्री के बारे में उनकी जवाब-तलबी और नाटकीयता का उल्लेख किया है, जिसे देखकर वह हैरान रह गए थे।

पत्रकारों से सुनील देव की खूब जमती थी

सुनील देव की कार्यशैली के बारे में कई रोचक कहानियां हैं, लेकिन कुछ समय बीतने के साथ शहरी मिथक बन गईं। वह पत्रकारों के साथ आराम के मूड में होते, तो उन्हें मजेदार कहानियां सुनाते थे। उन्होंने यह भी बताया था कैसे 17 वर्षीय विराट कोहली नाम के एक लड़के ने उनकी एसयूवी से ड्राइविंग सीखी।