खेलों की दुनिया मे मां बनने के बाद वापसी करने वाली खिलाड़ियों की संख्या बहुत ही कम है। भारत की मैरी कॉम और सानिया मिर्जा मां बनने के बाद भी देश का नाम रोशन करती रहीं। पहले बॉक्सिंग को पुरुषों का खेल कहा जाता था, लेकिन मैरी कॉम ने इस धारणा को बदल दिया। वे छह बार वर्ल्ड चैंपियन बनने वाली इकलौती महिला बॉक्सर हैं। इसके साथ ही वे इकलौती बॉक्सर हैं जिन्होंने अपने सभी सात वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीते। फुटबॉलर करुंग ओनकोलर के साथ शादी करने के बाद वे तीन बच्चों की मां बनीं। इसके बाद भी उन्होंने बॉक्सिंग को जारी रखा।
मैरी कॉम 2007 में जुड़वा बच्चों की मां बनी थीं। इसके बाद 2013 में उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया। वे मां बनने और 37 साल की होने के बावजूद दुनिया की बेस्ट बॉक्सर मानी जाती हैं। वे एशियन गेम्स (2014) में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला बॉक्सर थीं। इसके बाद उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स (2018) में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। अब बात करते हैं सानिया मिर्जा की। छह बार की ग्रैंड स्लैम विजेता सानिया 91 हफ्तों तक डबल्स रैंकिंग में नंबर-1 खिलाड़ी रहीं हैं। उन्होंने आखिरी टूर्नामेंट 2017 में खेला था। तब वे चाइना ओपन के सेमीफाइनल में हारकर बाहर हो गईं थीं।
सानिया की सर्वश्रेष्ठ सिंगल रैंकिंग 27 है, जो उन्होंने 2007 में हासिल की थी। उनका निकाह 12 अप्रैल 2010 को हैदराबाद में पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से हुआ था। अक्टूबर 2018 में सानिया ने बेटे इजान को जन्म दिया था। इसके बाद से ही वे टेनिस कोर्ट से दूर थीं। सानिया ने इस साल कोर्ट पर वापसी करते हुए होबार्ट इंटरनेशल टूर्नामेंट के महिला डब्ल्स का खिताब अपने नाम कर लिया। सानिया के करियर का यह 42वां डब्ल्यूटीए डबल्स खिताब है।
विदेशी खिलाड़ियों की बात करें तो अमेरिका की सेरेना विलियम्स और बेल्जिमय की किम क्लिस्टर्स ने मां बनने के बाद ग्रैंड स्लैम खिताब अपने नाम किया। 2003 में नंबर एक रहीं क्लिस्टर्स अपने समय की सबसे ज्यादा देखी जाने वाली टेनिस खिलाड़ी रहीं। 2008 में मां बनने के बाद वे 2009, 2010 में यूएस ओपन और 2011 में ऑस्ट्रेलियन ओपन जीती थीं। सेरेना कि बात करें तो 23 बार ग्रैंड स्लैम जीतने वाली इस खिलाड़ी ने 2017 में मां बनने के बाद टेनिस में वापसी की। वे इसके बाद 2018 में विम्बलडन और यूएस ओपन के फाइनल में हारीं। 2019 में भी इन्हीं दो टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में उन्हें हार का सामना करना पड़ा।