भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने कोरोना के दौरान इरफान पठान के साथ इंस्टाग्राम लाइव पर यह स्वीकारा था कि पत्नी हसीन जहां द्वारा मैच फिक्सिंग और कई अन्य आरोप लगाने के बाद उनके मन में खुदकुशी करने का ख्याल आया था। हालांकि, तब उन्होंने विस्तार से नहीं बताया था और इरफान ने भी कोई जोर नहीं दिया था, हालांकि, अब उनके दोस्त और विधायक उमेश कुमार ने उस रात के पूरे घटनाक्रम को विस्तार से बताया है।
देशद्रोह का आरोप लगने पर टूट गए थे शमी
उमेश कुमार ने शुभंकर मिश्रा के पॉडकास्ट ‘अनप्लग्ड’ पर कहा, ‘उस दौरान शमी हर चीज से लड़ रहे थे। वह मेरे साथ मेरे घर में रहते थे। लेकिन जब पाकिस्तान के साथ मैच फिक्सिंग के आरोप सामने आए और तो वह टूट गए। उन्होंने कहा कि मैं सब कुछ बर्दाश्त कर सकता हूं, लेकिन अपने देश के साथ विश्वासघात करने के आरोपों को बर्दाश्त नहीं कर सकता।’ उस बीच भी यह खबर आई थी कि वह उस रात अपनी जान देना चाहते थे।
शमी के जीवन की कयामत की रात थी वह: उमेश
उमेश कुमार ने बताया, ‘सुबह करीब 4 बजे मैं पानी पीने के लिए उठा। मैं किचन की तरफ जा रहा था, तभी मैंने देखा कि वह ड्राइंग रूम की बालकनी में खड़े थे। यह 19वीं मंजिल थी, जहां हम रह रहे थे। मैं समझ गया कि क्या हो रहा है, क्या चल रहा है। तो वह रात… जो है… मुझे लगता है कि इसके जीवन की सबसे कयामत की रात कह लीजिए या दुखों की, पहाड़ जैसे दुख या तकलीफें होती हैं, उनकी थी। मुझे लगता है कि शमी के करियर की वह सबसे लंबी रात थी।’
फांसी पर चढ़ा दो, लेकिन देशद्रोही मत बोलो
उमेश ने बताया, ‘उस दिन शमी ने एक बात बोली थी। इन्होंने कहा था कि भईया मैं मुझे आप मार लो, मुझे आप सजा दे दो, फांसी चढ़ा दो, मैं हर चीज के लिए तैयार हूं, लेकिन पाकिस्तान के साथ फिक्सिंग का आरोप, यह मेरे बर्दाश्त से बाहर है। तब मैंने इनसे कहा था कि जीवन में कोई भी चीज रुकती नहीं है, ठहरती नहीं है, जीवन चलता जाता है।’
क्लीन चिट पर बहुत खुश थे शमी
इसके बाद उमेश ने शमी के साथ उस पल को भी साझा किया जब वह बहुत खुश थे। उमेश ने बताया, ‘बाद में, एक दिन दोपहर में जब हम बात कर रहे थे, गप्पे मार रहे थे, तो शमी के फोन पर एक संदेश आया कि उन्हें मामले की जांच कर रही समिति से क्लीन चिट मिल गई है। मैं समझता हूं कि शमी उस दिन जितना खुश थे, उतना वह शायद विश्व कप जीतने पर भी नहीं होते।’