भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन और उनके पति को उत्तर प्रदेश के अमरोहा में सामाजिक कल्याण योजना मनरेगा के तहत मजदूरी मिल रही है। सामाजिक कल्याण योजना मनरेगा का उद्देश्य ‘काम करने के अधिकार’ की गारंटी देना है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के अमरोहा के जोया ब्लॉक के पलौला गांव में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। करोड़पति ग्राम प्रधान गुले आइशा ने अपने परिवार के सभी सदस्यों, जानने वालों और चहेतों को मजदूर बना दिया। इनके खाते में पैसा आया और निकाला गया। गुले आइशा शमी की बहन शबीना की सास हैं।

मोहम्मद शमी की बहन शबीना और जीजा गजनबी महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम 2005 (Mahatma Gandhi National Rural Employment Guarantee Act 2005) या मनरेगा (MGNREGA) में एक कार्यकर्ता के रूप में पंजीकृत हैं। उन्हें 2021 से 2024 तक लगातार पैसे मिल रहे हैं। इनके अलावा वकील, MBBS छात्र, ठेकेदार, इंजीनियर जैसे लोगों के नाम पर भी मजदूरी के जॉब कार्ड बने हैं और उन्हें भुगतान भी मिल रहा है। गांव के प्रधान ने भी ऑफ कैमरा स्वीकार कि उनसे गलती हुई थी, बाद में उसको सुधार लिया गया था। फिलहाल पूरे मामले पर स्थानीय अफसर चुप्पी साधे हैं। वे जानकारी नहीं होने की बात कह रहे हैं।

जोया ब्लॉक के पलौला गांव में मनरेगा योजना में 657 जॉब कार्ड बने हुए हैं। इसमें 473वें नंबर पर शबीना पत्नी गजनबी का नाम है। शबीना क्रिकेटर मोहम्मद शमी की बहन और मौजूदा प्रधान गुले आइशा के बेटे गजनबी की पत्नी हैं। रिकॉर्ड के अनुसार, शबीना का मनरेगा योजना में 4 जनवरी 2021 को पंजीकरण हुआ था। शबीना ने 21 मार्च 2022 से 23 जुलाई 2024 तक मनरेगा में 374 दिन मजदूरी की है। इसके बदले शबीना के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के खाते में करीब 70 हजार रुपये आये हैं।

जॉब कार्ड लिस्ट में 576 नंबर पर नेहा का नाम है। नेहा गुले आइशा की बेटी हैं। साल 2019 में निकाह होने के बाद गांव से करीब 7 किमी दूर पति के साथ कस्बा जोया में रह रही है। इनका भी मनरेगा मजदूरी कार्ड बना है। साल 2022 से 2024 तक इनके खाते में भी काफी पैसा आया। शहजर का नाम 563 नंबर पर है। शहजर गुले आइशा के पति शकील के सगे भाई हैं।

शकील की पलौला से कई किमी दूर अमरोहा में एग्रीकल्चर शॉप है। हालांकि, ऑन रिकॉर्ड यह मनरेगा मजदूर हैं। मनरेगा जॉब कार्ड लिस्ट में 482 नंबर पर जुल्फिकार का नाम है। जुल्फिकार ठेकेदार हैं। गांव में इनका दो मंजिला मकान है। ठेकेदार जुल्फिकार का बेटा अजीम को भी मनरेगा मजदूर दिखाया गया है, जबकि वह एक फैक्ट्री में इंजीनियर है।

रिपोर्ट के मुताबिक, शमी के बहनोई गजनबी ने खबर नहीं उजागर करने के लिए कई तरह के ऑफर दिए। यह भी कहा कि अगर खबर पब्लिश हुई तो दिक्कत होगी और वह यह नहीं चाहते। इस संबंध में प्रशासन का पक्ष जानने के लिए अमरोहा की DM निधि गुप्ता और अमरोहा जिले के CDO अश्वनी मिश्रा से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनकी ओर से कोई जवाब नहीं मिला।