टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन केवल वनडे क्रिकेट में खेलते दिखाई देते हैं। इसके बाद भी वह लगातार रन बना रहे हैं। उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ पहले वनडे में शानदार अर्धशतक लगाया और टीम को 10 विकेट से जीत दिलाने में मदद की। बाएं हाथ के बल्लेबाज ऐसे खिलाड़ी हैं जो टेस्ट और टी20 टीम में नहीं चुने जाते हैं। उन्होंने लंबे समय तक टेस्ट नहीं खेला है। आखिरी बार 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट में खेले थे। इसके अलावा आईपीएल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद उन्हें टी20 से बाहर कर दिया गया।
इसी तरह चेतेश्वर पुजारा टीम में अपनी जगह के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। काउंटी क्रिकेट में ससेक्स के लिए रेड-बॉल क्रिकेट में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया और एक के बाद एक शतक बनाए। इसके बाद उन्होंने सफेद गेंद वाले क्रिकेट में भी अपना अच्छा प्रदर्शन जारी रखा है। पुजारा ने ससेक्स के लिए लगातार दो शतक जमाए हैं। एक मैच में उन्होंने 174 रनों की पारी खेली। य एकदिवसीय क्रिकेट में उनका सर्वोच्च स्कोर है।
अब टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने धवन और पुजारा की जमकर तारीफ कर रहे हैं। कैफ ने ट्विटर पर लिखा कि धवन और पुजारा सिर्फ राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने के लिए नहीं खेल रहे हैं। दोनों के हाथ में अगर बल्ला होगा तो रन बनाएंगे। दोनों के उनके जज्बे के लिए सलाम है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, “शिखर धवन और चेतेश्वर पुजारा को उनके जुनून के लिए सलाम। सिर्फ टीम में जगह बनाने के लिए ऐसी निरंतरता की प्रेरणा नहीं मिल सकती। कोई नकारात्मकता नहीं, कोई शिकायत नहीं। अगर मेरे हाथ में बल्ला है तो मैं स्कोर करूंगा, यह खेल के प्रति प्रेम है। “
गौरतलब है कि पुजारा को इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद इंडियन टेस्ट टीम से बाहर कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में खूब रन बनाए। काउंटी क्रिकेट में भी शानदार बल्लेबाजी की। इसके दम पर टीम इंडिया में उनकी वापसी हुई। इंग्लैंड के खिलाफ रीशेड्यूल टेस्ट में वह बतौर ओपनर खेले। मैच में उन्होंने अर्धशतक भी जमाया।
हालांकि, टीम इंडिया मैच हार गई। इस तरह से सीरीज 2-2 से ड्रॉ रहा। पुजारा को आईपीएल 2022 से पहले मेगा ऑक्शन में कोई खरीददार नहीं मिला। ऐसे में वह काउंटी क्रिकेट खेलने के लिए इंग्लैंड आ गए। इससे उन्हें काफी फायदा हुआ।
उन्होंने एक बार यह भी कहा था कि आईपीएल में अन्सोल्ड रहने से उन्हें फायदा हुआ, क्योंकि अगर कोई फ्रेंचाइजी खरीद भी लेती तो उन्हें ज्यादात्तर मैचों में बेंच पर बैठे रहना बढ़ता। इससे उनके खेल को मदद नहीं मिलती।