प्रत्यूष राज
मुहम्मद इमरान की कहानी परीकथा जैसी है। सोशल मीडिया युग में ऐसी कहानियां बहुत तेजी से वायरल होती हैं। साल 2012, 18 साल की उम्र, दिसंबर की ठंडी रात, इमरान ने बिना किसी को बताए खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिला स्थित अपना गांव छोड़ दिया और एक ट्रक पर लगभग 1,000 किमी की यात्रा करके कराची पहुंच गए। इमरान की यात्रा का उद्देश्य ट्रायल देना था। वह परिवार में किसी को बताने की हिम्मत नहीं जुटा पाए, क्योंकि उनके पिता चाहते थे कि वह क्रिकेट की जगह पाकिस्तान सेना में शामिल हों।
अब एक दशक से भी अधिक समय बाद उनकी गेंदबाजी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। इसका कारण उनके एक्शन और पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर के एक्शन में समानता है। इमरान रावलपिंडी एक्सप्रेस की कार्बन कॉपी हैं। बालों से लेकर चाल, उनके बॉलिंग मार्क, रन-अप, लोड-अप और यहां तक कि जश्न मनाने का अंदाज तक। इमरान ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मैं शोएब भाई को देखकर बड़ा हुआ हूं। मेरे गांव में हर कोई दौड़ता था और उनकी तरह गेंदबाजी करने की कोशिश करता था, लेकिन केवल मैं ही उनके जैसा कर पाता था।”
अफगानिस्तान सीमा के पास है इमरान का गांव
इमरान ने बताया, “मेरा गांव अफगानिस्तान सीमा के पास है। मैंने टेप बॉल से गेंदबाजी शुरू की। साल 2010 में डेरा इस्माइल खान में एक टूर्नामेंट के दौरान किसी ने मुझसे कहा कि मैं बिल्कुल शोएब अख्तर की तरह गेंदबाजी करता हूं।’’ अपनी इंटरमीडिएट स्कूली शिक्षा पूरी करने के कुछ वर्षों बाद अपने पिता के क्रोध से बचने के लिए इमरान ने पाकिस्तान सेना के लिए फिजिकल टेस्ट दिया और चयनित हो गए। इमरान ने घर छोड़ने की घटना को याद करते हुए कहा, “जिस दिन घर में दावत थी, मैं उसी रात भाग निकला।”
पिता चाहते थे क्रिकेटर नहीं सेना में भर्ती हों मुहम्मद इमरान
इमरान ने बताया, “मेरे पिता चाहते थे कि मैं सेना में शामिल होऊं। मैं क्रिकेट खेलना चाहता था, इसलिए मैं अपने गांव से भाग गया। मैंने किसी को नहीं बताया, जब मैं कराची के लिए निकला तो सभी सो रहे थे।” इमरान के पास बहुत कम पैसे थे, लेकिन एक दयालु ट्रक ड्राइवर की मदद से वह 3 दिन बाद कराची पहुंचे और सीधे केडीए क्रिकेट ग्राउंड गए। केडीए ग्राउंड के लिए उन्हें पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर मोहम्मद नईम ने बताया था। मोहम्मद नईम एफएटीए (संघ शासित जनजातीय क्षेत्र) के लिए खेलते थे।
इमरान ने बताया, ‘‘उन्होंने मुझसे अगले दिन ट्रायल के लिए आने के लिए कहा। मैंने कहा कि भाईजान मैं घर से भाग के आया हूं। मेरे पास रुकने की कोई जगह नहीं है। क्या मैं अभी ट्रायल दे सकता हूं। उन्होंने इनकार कर दिया लेकिन मुझे मैदान पर रात बिताने की मंजूरी दे दी। मैं कराची में अपनी पहली रात कभी नहीं भूलूंगा। इतनी ठंड थी कि मैं सो नहीं पाया और बस उम्मीद कर रहा था कि रात कट जाए। शायद मेरे जीवन की सबसे लंबी रात।”
अगले दिन इमरान ने अपने शानदार एक्शन से सभी को प्रभावित किया और कुछ ही महीनों में कराची अंडर-19 के लिए चुन लिए गए। इमरान ने बताया, ‘‘मैंने 6 मैच में 21 विकेट लिए। मैंने राशिद लतीफ की अकादमी के खिलाफ 4 विकेट लिए। अहसान अली, साद अली, फराज अली इन सभी के विकेट लिए। ये सभी अब पाकिस्तान सुपर लीग (Pakistan Super League) में खेलते हैं। मैंने अपने पहले स्पैल में उन तीनों को पवेलियन भेज दिया।’’
वसीम अकरम ने भी की थी तारीफ
साल 2013 में पाकिस्तानी जीएसएम सेलुलर सेवा प्रदाता यूफोन ने महान वसीम अकरम की देखरेख में तेज गेंदबाजों को चुनने के लिए देश भर में एक ट्रायल कराए। इमरान ने आरोप लगाया, ‘‘मैंने 143 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी की। पूरे पाकिस्तान में दूसरे स्थान पर रहा। मुझे लगा कि मेरी जिंदगी बदल जाएगी। मीडिया में खूब चर्चा हुई। वसीम अकरम ने मेरी सराहना की। मुझसे कहा कि मैं और भी तेज गेंदबाजी कर सकता हूं। लेकिन आप पाकिस्तान क्रिकेट की राजनीति को जानते हैं। अगर आप सिस्टम में लोगों को नहीं जानते हैं तो आप आगे नहीं बढ़ सकते।’’
आकिब जावेद ने बोला था- तुम्हारी बॉलिंग में जान है
इमरान ने बताया, ‘‘मैंने अंडर-23, अंडर-25 क्रिकेट खेला लेकिन कभी प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला। साल 2017 में इमरान पीएसएल फ्रेंचाइजी लाहौर कलंदर्स के ट्रायल के लिए गए। वहां पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज आकिब जावेद की नजर उन पर पड़ी।’’
इमरान ने बताया, “मैंने जो पहली गेंद फेंकी, वह मेरी ओर दौड़कर आए और बोले, ‘आपकी बॉलिंग में जान है। लाहौर कलंदर्स के सहायक कोचेस में से एक ने मेरा नंबर लिया। उन्होंने मेरे ठिकाने के बारे में पूछा लेकिन मुझे कभी कॉल नहीं आया। साल 2019 में उनके एक दोस्त ने यूट्यूब पर उनका गेंदबाजी वीडियो पोस्ट किया। इसके बाद इमरान को ओमान की एक T20 फ्रेंचाइजी से कॉल आया।
इमरान ने बताया, ‘‘उन्होंने मुझसे कहा कि आप ओमान क्यों नहीं आते। उन्होंने पासपोर्ट बनवाने में मेरी मदद की, लेकिन ओमान में आप केवल क्रिकेट खेलकर ही जीवित नहीं रह सकते। मुझे पैसे कमाने की जरुरत थी। अब मैं सीसीटीवी कैमरा लगाता हूं। मैं लगभग 70,000 पाकिस्तानी रुपये कमा लेता हूं। परिवार के प्रति भी मेरी जिम्मेदारी है। मैं आधे पैसे घर भेज देता था। मेरी 12 घंटे की शिफ्ट होती है। इसके बाद मैं जिम जाता हूं।’’
इमरान ने बताया, ‘‘अब मैं अजीबा XI के लिए खेलता हूं। फ्रेंचाइजी ने मुझे रहने के लिए जगह दी है और मैं अब केवल 6 से 7 घंटे काम करता हूं। मैं अधिक क्रिकेट खेल रहा हूं। अचानक मेरा वीडियो वायरल हो गया और मैं मशहूर हो गया।’’ अब 29 साल की उम्र में इमरान ओमान के राष्ट्रीय शिविर में हैं। इमरान ने कहा, ‘‘कोच दिलीप मेंडिस और उनके डिप्टी मजहर सलेम खान मेरा मार्गदर्शन कर रहे हैं। वे कहते हैं कि कुछ साल में मै दुनिया भर की टी20 लीग्स में खेल सकता हूं।’’