भारतीय क्रिकेट का नया सितारा मयंक यादव छह महीने बाद मैदान पर लौटा लेकिन इस बार वह अपनी तेज रफ्तार के लिए नहीं, बल्कि चालाकी के लिए चर्चा में रहा। मुंबई इंडियंस के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम में टी20 मैच में मयंक ने 4 ओवर में 40 रन देकर 2 विकेट लिए। यह दूसरा मौका था जब उन्होंने टी20 मैच का पहला ओवर फेंका। खास बात यह रही कि उनकी पहली टी20 विकेट एक धीमी गेंद पर आई।
मयंक यादव की कहानी तेज गेंदबाजी और चोटों की है। 156.7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले इस गेंदबाज ने अपनी सटीकता से सबका ध्यान खींचा। इसके चलते उन्हें बीसीसीआई से विशेष अनुबंध मिला। लेकिन तेज रफ्तार के साथ चोटें भी आईं। बार-बार चोट लगने से उनका करियर प्रभावित हुआ। उनके 36 मैचों में 18 टी20 हैं, और सिर्फ एक प्रथम श्रेणी मैच।
2024-25 के घरेलू सत्र में मयंक चोट के कारण नहीं खेल सके। उनकी पीठ में तकलीफ थी, जिसके लिए वे बेंगलुरु में बीसीसीआई के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में इलाज करा रहे थे। वापसी से पहले एक छोटी सी दुर्घटना हुई-उनका पैर बिस्तर से टकराया, जिससे संक्रमण हो गया। लखनऊ सुपर जायंट्स के कोच जस्टिन लैंगर ने बताया कि इस वजह से उनकी वापसी में एक-दो हफ्ते की देरी हुई।
गेंदबाजी में विविधता से चटकाए विकेट
मुंबई इंडियंस के खिलाफ मयंक की गति पहले जैसी नहीं थी। उनकी सबसे तेज गेंद 142.7 किमी प्रति घंटे की थी, जो पहले उनकी सबसे धीमी गति होती थी। फिर भी, मयंक ने अपनी चालाकी दिखाई। तीसरे ओवर में रोहित शर्मा ने उनके खिलाफ दो छक्के मारे, लेकिन मयंक ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने एक धीमी गेंद फेंकी, जिससे रोहित का विकेट मिला।
मयंक का प्रदर्शन मिला-जुला रहा। उनके दूसरे ओवर में 13 रन और तीसरे में 15 रन गए। लेकिन 16वें ओवर में उन्होंने कमाल कर दिया। उन्होंने हार्दिक पंड्या को बोल्ड किया और सूर्यकुमार यादव व नमन धीर को धीमी गेंदों से परेशान किया। उनका आखिरी ओवर शानदार रहा, जिसमें कोई चौका नहीं पड़ा। इस मैच में मयंक ने 8 धीमी गेंदें फेंकीं, जो उनके किसी भी टी20 मैच में सबसे ज्यादा हैं।
विशेषज्ञों ने बताया “वापसी शानदार”
पूर्व क्रिकेटर अनिल कुंबले ने मयंक की तारीफ करते हुए कहा कि इतने लंबे समय बाद वापसी करना आसान नहीं था। मुंबई इंडियंस जैसे मजबूत बल्लेबाजी लाइन-अप के खिलाफ, वानखेड़े की मुश्किल पिच पर मयंक ने कमाल किया।
कुंबले ने मयंक की गेंदबाजी की तारीफ करते हुए कहा, “उन्होंने रोहित शर्मा और हार्दिक पांड्या जैसे बड़े खिलाड़ियों को आउट किया। उनकी गेंदों की लंबाई और विविधता बहुत शानदार थी।
क्या अपने पुराने अंदाज में नजर आएंगे मयंक?
मयंक की वापसी ने कई सवाल उठाए हैं। क्या वे फिर से 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ पाएंगे? या फिर धीमी गति के साथ चालाकी पर ध्यान देंगे? विशेषज्ञों का कहना है कि अगर मयंक का गेंदबाजी एक्शन मजबूत है, तो वे अपनी ताकत बढ़ाकर 140 किमी प्रति घंटे की गति को और बेहतर कर सकते हैं। लेकिन 150 और 140 किमी प्रति घंटे में बड़ा अंतर है। इस स्तर पर सफल होने के लिए उन्हें सटीकता और गेंद को मूव करने की कला सीखनी होगी।