भारत की स्टार खिलाड़ी मनिका बत्रा मिश्रित और महिला युगल मुकाबले के क्वार्टर फाइनल में हार के साथ विश्व टेबल टेनिस चैंपियनशिप में पदक जीतने में नाकाम रहीं। मनिका बत्रा और उनके पार्टनर जी साथियान इतिहास रचने से एक कदम दूर रहे गए। अगर आज वे जीत जाते तो कम से कम एक पदक पक्का हो जाता।
एतिहासिक पदक से सिर्फ एक जीत दूर मनिका और जी साथियान को मिश्रित युगल स्पर्धा के अंतिम आठ मुकाबले में जापान के तोमाकाजु हरिमोतो और हिना हयाता के खिलाफ 1-3 (5-11 2-11 11-7 9-11) से शिकस्त झेलनी पड़ी। मनिका बत्रा के पास इतिहास रचने का एक और मौका था लेकिन वह एक बार फिर नाकाम रहीं।
महिला युगल के क्वार्टरफाइनल में उन्हें और अर्चना कामत को सीधे गेम में हार का सामना करना पड़ा। मनिका और अर्चना को एकतरफा मुकाबले में लक्जेमबर्ग की साराह डि नुटे और नी शिया लियान की जोड़ी के खिलाफ 0-3 (1-11 6-11 8-11) से हार मली।
इससे पहले मनिका और अर्चना कामथ की जोड़ी ने हंगरी की डोरा माडाराज और जॉर्जिना पोटा को 11- 4, 11-9, 6-11, 11- 7 से हराकर वीमंस डबल्स के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था। वहीं मिक्स्ड डबल्स में मनिका और जी सथियान की जोड़ी ने अमेरिका की कनक झा और चीन के वांग मानयु को 15-17, 10-12, 12- 10, 11- 6, 11 -7 से हराकर क्वार्टर फाइनल में एंट्री की थी।
सेमीफाइनल में हारकर भी मिलता कांस्य पदक
आपको बता दें कि वर्ल्ड टेबल टेनिस चैंपियनशिप फाइनल 2021 के सेमीफाइनल में हारने वाले खिलाड़ी या जोड़ी को कांस्य पदक मिलेगा। गौरतलब है कि इससे पहले अभी तक भारत ने वर्ल्ड टेबल टेनिस चैंपियनशिप में केवल दो पदक जीते हैं, भारत ने दोनों पदक 1926 में उद्घाटन संस्करण में जीते थे।
हाल ही में दोहा में संपन्न हुई एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में भारतीय दल ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया था। ऐसा पहली बार है कि भारत को एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में 3 पदक मिले हों। इससे पहले 1976 में उत्तरी कोरिया में आयोजित इवेंट में भारत ने पुरुष डबल्स में ब्रॉन्ज जीता था। ऐसे में 45 साल बाद टीम इंडिया को पुरुष डबल्स के मुकाबले में फिर से पदक जीतने में कामयाबी मिली है।