टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ऑस्ट्रेलिया में शुरु होने जा रही क्रिकेट श्रृंखला में मेरठी बल्लों से रन बरसाएंगे। कैप्टन कूल इस श्रृंखला को लेकर कितने गंभीर हैं इसका पता इसी बात से चलता है कि धोनी को अपनी पंसद के बल्लों को परखने और उन्हें तैयार कराने के लिए करीब पांच घंटें का समय लगा।

सोमवार को गुपचुप मेरठ आए धोनी सीधे मवाना रोड स्थित एक क्रिकेट सामान बनाने वाली कंपनी पहुंचे। कंपनी के सूत्रों ने आज बताया कि धोनी ने ऑस्ट्रेलिया की तेज पिचों के मुताबिक 1260 ग्राम के छह बल्लों को अपने सामने तैयार करा कर ले गए हैं। कंपनी के कर्मचारियों के अनुसार धोनी ने बल्लों के ‘शेप और स्ट्रोक’ को अपने हिसाब से तैयार कराया।

जतिन सरीन के अनुसार महेन्द्र सिंह धोनी की यह यात्रा व्यक्तिगत होने के कारण उन्होंने मीडिया से मुलाकात नही की। धोनी अपने इस दौरे को पूरी तरह गोपनीय बनाए रखना चाहते थे। जिस कंपनी में आकर धोनी ने अपनी पंसद के क्रिकेट बैट तैयार कराए हैं उसके मालिक ने आज भाषा-पीटीआई के साथ बातचीत में कैप्टन कूल के कंपनी में आने की पुष्टि तो की लेकिन इससे ज्यादा जानकारी देने में यह कहते हुए इन्कार कर दिया कि कैप्टन कूल ने उन्हें मीडिया को कुछ बताने से कड़ाई से मना कर दिया था।

गौरतलब है कि इससे पहले धोनी 2011 में अपनी पत्नी साक्षी के साथ मेरठ आए थे। जतिन सरीन के अनुसार मेरठ के बल्लों को पंसद करने वाले कैप्टन कूल अकेले भारतीय क्रिकेटर नही है। धुरंदर बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग, युवराज और पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव और राहुल द्रविड आदि कई जाने माने क्रिकेट खिलाड़ी भी मेरठ में बल्ले लेने आ चुके हैं। टीम इंडिया के अलावा ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोटिंग जैसे विदेशी बल्लेबाज भी मेरठ में बल्लों को लेने आ चुके हैं।