मध्यप्रदेश के सागर जिले में काले हिरण के शिकार के मामले में गिरफ्तारी के बाद युवा आॅलराउंडर रमीज खान को राज्य की रणजी ट्रॉफी टीम से बाहर होना पड़ा है और उनके करियर पर तलवार लटक गई है। मध्यप्रदेश क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) ने बंगाल के खिलाफ तीन से सात फरवरी के बीच मुंबई में खेले जाने वाले रणजी क्वार्टर फाइनल के लिए राज्य की जो 16 सदस्यीय टीम घोषित की है, उसमें रमीज (26) का नाम हटा दिया गया है।
इस बारे में पूछे जाने पर एमपीसीए सचिव मिलिंद कनमड़ीकर ने सोमवार को कहा, ‘हमने रणजी क्वार्टर फाइनल के लिए रमीज को मध्यप्रदेश की टीम में इसलिए शामिल नहीं किया, क्योंकि टीम चयन के वक्त वह काले हिरण के शिकार के मामले में जेल में बंद होने के कारण उपलब्ध नहीं थे।’
रमीज, उनके पिता महमूद खान और इनके दो साथियों को सागर जिले में काले हिरण के शिकार के आरोप में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत दस जनवरी की रात गिरफ्तार किया गया था। इनके कब्जे से लुप्तप्राय: प्रजाति के इस वन्य जीव के अवशेष, राइफल, कारतूस और चाकू भी बरामद किया गया था। रमीज के पिता महमूद खान मध्यप्रदेश के पूर्व प्रथम श्रेणी क्रिकेटर हैं। वह फिलहाल एमपीसीए की अंडर..23 पुरुष टीम की चयन समिति के सदस्य हैं।
सागर के वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) डा शिवप्रसाद तिवारी ने बताया कि काले हिरण के शिकार के चारों आरोपियों की जमानत अर्जी अदालत खारिज कर चुकी है और वे फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद हैं। तिवारी ने बताया कि उन्होंने पिछले महीने एमपीसीए को पत्र लिख कर कहा था कि वह काले हिरण के शिकार के गंभीर मामले में गिरफ्तार महमूद और उनके बेटे रमीज के खिलाफ उचित कदम उठाए।
बहरहाल, डीएफओ के पत्र लिखने के बावजूद एमपीसीए ने इस मामले में पिता-पुत्र पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इस बारे में पूछे जाने पर कनमड़ीकर ने कहा, ‘हम मामले में अपने वकील की राय ले रहे हैं और एमपीसीए के विधान के मुताबिक उचित कदम उठाएंगे।’
काले हिरण के शिकार में मामले में गिरफ्तार होने से पहले रमीज मध्यप्रदेश की रणजी टीम के अहम खिलाड़ियों में शामिल थे। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 2011 में कदम रखा था। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज मध्यप्रदेश की ओर से 26 प्रथम श्रेणी मैच खेल कर 1,169 रन बना चुका है। उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में आठ विकेट भी लिए हैं।