लियोनेल मेसी का जीओएटी दौरा साल्ट लेक स्टेडियम पर अफरा तफरी और अराजकता के बीच शुरू हुआ, लेकिन भारत के पूर्व फुटबॉल खिलाड़ियों दिपेंदु विश्वास और सैयद रहीम नबी के लिये यह दिन यादगार बन गया। डायमंड हार्बर मेसी एकादश के खिलाफ मोहन बागान मेसी एकादश के लिये नुमाइशी मैच खेलने वाले विश्वास ने पीटीआई से कहा ,‘‘ मेसी ने मेरी जर्सी के बायीं ओर, सुआरेज ने दाई ओर और रौड्रिगो डि पॉल ने बीच में आटोग्राफ दिये।’’
मेसी से दस साल बड़े विश्वास ने कहा ,‘‘वह मुस्कुरा रहे थे। उसका चमत्कारिक बायां पैर छूने का मौका मिलना वरदान से कम नहीं था।’’ इससे पहले डिएगो माराडोना और पेले से जर्सी पर आटोग्राफ ले चुके विश्वास ने कहा,‘‘ विश्व चैंपियन टीम का कप्तान, इतना बड़ा खिलाड़ी । ऐसा मौका जीवन में एक बार मिलता है । वह जितनी देर मैदान पर थे, मुस्कुराते रहे।’’
दर्शकों को ऐसा बर्ताव करते कभी नहीं देखा
मैदान पर हुई अफरा तफरी के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘मैंने इतने साल फुटबॉल खेली है। माराडोना और पेले भी यहां आये, लेकिन दर्शकों को ऐसा बर्ताव करते कभी नहीं देखा । मेरा मानना है कि मेसी को खुली जीप में लाना चाहिये था, जैसे माराडोना को लाया गया था।”
जीवन का सबसे बड़ा पल
सैयद रहीम नबी ने कहा ,‘‘यह मेरे जीवन का सबसे बड़ा पल है । मेसी इतने साल से प्रशंसकों के दिलों पर राज कर रहे हैं। वह युवा पीढी के प्रेरणास्रोत हैं। मुझे लगता है कि अपने खेलने के दिनों की ईमानदारी का फल मुझे मिला है। मैच के बाद जो हुआ, वह दुखद है। जो लोग उन्हें घेरकर खड़े थे, उन्हें यहां नहीं होना चाहिये था। उन्हें समझना चाहिये कि वह ऐसे खिलाड़ी हैं जो एक पीढी में एक ही होता है।’’
ने दस नंबर की जर्सी
नुमाइशी मैच में कई पूर्व सितारों अभरो मंडल, तीर्थंकर सरकार, मेहताब हुसैन, मोहम्मद रफीक, देबजीत घोष, दीपक मंडल, शिल्टन पॉल, दिपेंदु विश्वास, रहीम नबी, डेंसन देवदास ने भाग लिया और सभी ने दस नंबर की जर्सी पहन रखी थी।
पीटीआई इनपुट पर खबर
