केएल राहुल मंगलवार की रात को दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना हु, जहां वह तीन वनडे मैचों की सीरीज में भारतीय टीम का नेतृत्व करेंगे। इसके बाद वह दो टेस्ट मैचों की सीरीज में भी खेलेंग। राहुल के करियर के लिए यह दौरा काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। वह वनडे में मिडिल ऑर्डर में सफलता के बाद टेस्ट में भी मिडिल ऑर्डर में खेलने को तैयार हैं। उन्होंने टेस्ट में विकेटकीपिंग की शुरुआत की तो इसे केएल राहुल 2.0 के तौर पर इसे देखा जाएगा।
इसकी संभावना बढ़ती जा रही है कि वह न केवल तीन वनडे बल्कि टेस्ट मैचों में विकेटकीपिंग की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। इशान किशन ने 16 सदस्यीय टीम में हैं, लेकिन क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार राहुल को विकेटकीपर के तौर मौका मिलेगा। इशान बाहर बैठेंगे। राहुल वनडे और टेस्ट ही नहीं टी20 में भी मिडिल ऑर्डर में खेलने की योजना बना रहे हैं।
केएल राहुल को साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज, इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज और इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में मिडिल ऑर्डर में खेलते दिखेंगे। मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाज के तौर राहुल को करीब से देखा जाएगा। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नई दिल्ली में अपने आखिरी टेस्ट में पारी की शुरुआत की थी।
मिडिल ऑर्डर बैट्समैन बनने के इच्छुक राहुल
इस बात के पुख्ता संकेत हैं कि राहुल खुद को विकेटकीपर मिडिल ऑर्डर बैट्समैन के तौर पर खुद को स्थापित करने के इच्छुक हैं। टेस्ट में विकेटकीपर मिडिल ऑर्डर में ही बल्लेबाजी करता है। इसके अलावा राहुल सभी प्रारूपों में नई भूमिका में फिट होने के लिए अपने स्ट्राइक-रेट पर काम कर रहे हैं।
लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए भी मिडिल ऑर्डर में खेलेंगे
आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स (LSG) के लिए उन्होंने पारी की शुरुआत की है। वहां भी राहुल के मध्यक्रम में खेलने की उम्मीद है। भारतीय टीम के घटनाक्रम से परिचित एक सूत्र ने बताया, “वह खुद को सभी प्रारूपों में मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में विकसित करना चाहते हैं और खुद को वहां स्थापित करना चाहते हैं।”
राहुल अपने रोल में बदलाव को लेकर गंभीर
अपने करियर में अधिकांश समय ओपनर रहने के बावजूद राहुल ने 9 साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में 44 टेस्ट, 23 वनडे और 55 टी20 में भारत के लिए ओपनिंग की। राहुल अपने रोल में बदलाव को लेकर गंभीर हैं। उनका लक्ष्य केवल मध्यक्रम पर ध्यान केंद्रित करना है। वह एकदिवसीय प्रारूप में अपनी हालिया सफलता से उत्साहित हैं। एशिया कप और विश्व कप में उन्होंने 10 मैचों में 75 से अधिक की औसत से 452 रन बनाए हैं।