कश्मीर से नई क्रिकेट प्रतिभा को खोजने के लिए एक बड़े टूर्नामेंट के तौर पर पेश की गई इंडियन हेवन प्रीमियर लीग (आईएचपीएल) घोटाला साबित हुई। मामला भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष मिथुन मन्हास के गृह राज्य से जुड़ा है। समाचार एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक, आईएचपीएल के आयोजक खिलाड़ियों, अंपायरों, सहयोगी कर्मचारियों और होटल के बिलों का भुगतान किए बिना टूर्नामेंट के बीच में ही भाग गए।

आयोजक फरार, होटल में फंसे इंटरनेशनल खिलाड़ी

खबर में कहा गया है कि इस कारण क्रिस गेल, शाकिब अल हसन जैसे कई पूर्व अंतरराष्ट्रीय दिग्गज खिलाड़ी कश्मीर के एक होटल में फंसे हैं। इस लीग में क्रिस गेल, शाकिब अल हसन के अलावा जेसी राइडर, मार्टिन गुप्टिल, तिसारा परेला, प्रवीण कुमार जैसे कई बड़े खिलाड़ी शामिल थे, जो जम्मू-कश्मीर खेल परिषद के समर्थन से इसका प्रचार कर रहे थे।

पीछे छूट गए पोस्टर, आगे रह गया धोखा

अक्टूबर के आखिरी हफ्ते में बड़े धूमधाम से शुरू हुई आईएचपीएल का आयोजन मोहाली स्थित युवा सोसाइटी ने किया था। क्रिस गेल, डेवोन स्मिथ, जेसी राइडर और शाकिब अल हसन जैसे पूर्व क्रिकेटरों के बड़े-बड़े बिलबोर्ड शहर में कई जगहों पर लगाए गए थे, जिनमें यह घोषणा की गई थी कि ये मेगास्टार स्थानीय खिलाड़ियों के साथ इस लीग में खेलेंगे जो आठ नवंबर को खत्म होने वाली थी।

पेमेंट न मिलने पर खिलाड़ियों का बायकॉट

अधिकतर मैच बख्शी स्टेडियम में खेले गए और ब्रेक के दौरान लाउडस्पीकर पर संगीत बजता रहता था। हालांकि, यह लीग शनिवार को अचानक खत्म हो गई, क्योंकि खिलाड़ियों ने बकाया पैसे नहीं मिलने के कारण मुकाबलों के लिए आने से मना कर दिया। आयोजक गायब हो गए जिससे होटल वालों को खिलाड़ियों को तब तक जाने से रोकना पड़ा जब तक उनका बकाया भुगतान नहीं हो जाता।

अंतरराष्ट्रीय अंपायर ने उठाया भुगतान का मुद्दा

यह मामला तब सामने आया जब प्रतियोगिता में अंपायर की भूमिका निभा रहीं इंग्लैंड की मेलिसा जूनिपर ने कहा कि उन्हें भुगतान नहीं मिला है। मेलिसा जूनिपर ने कहा, ‘हमें कोई भुगतान नहीं मिला है।’ उन्होंने बताया कि होटल स्टाफ ने उन्हें ‘गायब आयोजकों’ के बारे में बताया था। पुलिस होटल गई, लेकिन इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि पुलिस ने कोई कार्रवाई शुरू की है या नहीं।

लीजेंड्स लीग क्रिकेट ने दी थी उम्मीद

गेल उन कई खिलाड़ियों में से एक थे, जिन्होंने पिछले साल कश्मीर में लीजेंड्स लीग क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लिया था। यह प्रतियोगिता भी आईएचपीएल की तरह निजी प्रतियोगिता थी, लेकिन इसने स्टेडियम में भारी भीड़ खींची थी, क्योंकि स्थानीय लोगों को लगभग 40 साल में पहली बार अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को खेलते हुए देखने का मौका मिला था।

आठ टीमें, बड़े नाम- फिर भी शो फ्लॉप

युवा सोसाइटी के चेयरमैन परमिंदर सिंह शायद लीजेंड्स लीग की सफलता से प्रभावित होकर कश्मीर में आईएचपीएल आयोजित करने के लिए प्रेरित हुए होंगे। उन्होंने जम्मू-कश्मीर खेल परिषद के बख्शी स्टेडियम को बुक किया और मैच की मेजबानी का किराया पहले ही दे दिया। लीग खेलने के लिए आठ टीमें बनाई गईं जिसमें श्रीनगर सुल्तांस, जम्मू लायंस, लद्दाख हीरोज, पुलवामा टाइटंस, उरी पैंथर्स, गुलमर्ग रॉयल्स, पटनीटॉप वारियर्स और किश्तवाड़ जाइंट्स शामिल हैं।

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सोशल मीडिया प्रमोशन भी नहीं आया काम

हर टीम में एक पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी था। हालांकि, क्रिस गेल और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्टार खिलाड़ियों की मौजूदगी के बावजूद आईएचपीएल में भीड़ नहीं जुटी। आयोजकों ने टिकटों पर भारी छूट दी और टिकटों की बिक्री बढ़ाने की कोशिश में एक स्थानीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर उमर जरगर की सेवाएं लीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

खेल परिषद की भूमिका पर सवाल

सवाल पूछे जा रहे हैं कि इतने बड़े टूर्नामेंट के आयोजन का पिछला कोई अनुभव नहीं होने के बावजूद आयोजक युवा सोसाइटी को मैच की मेजबानी के लिए बख्शी स्टेडियम का इस्तेमाल कैसे करने दिया गया। खेल परिषद की सचिव नुजहत गुल ने कहा कि आयोजक इस जगह का इस्तेमाल मैच की मेजबानी के लिए करना चाहते थे और उन्होंने पैसे दे दिए थे।

खेल परिषद ने मामले से पल्ला झाड़ा

नुजहत ने कहा, ‘मेरा आईएचपीएल से कोई लेना-देना नहीं है। मैं उद्घाटन समारोह में सिर्फ एक मेहमान के तौर पर मौजूद थी।’ युवा सोसाइटी ने अपनी वेबसाइट पर आईएचपीएल की घोषणा करते समय पूर्व क्रिकेटरों सुरेंद्र खन्ना और आशु दानी की तस्वीरों का इस्तेमाल किया। उन्होंने हालांकि, यह नहीं बताया कि इन दोनों की संगठन में कोई भूमिका थी या नहीं।