भारत ने 1983 में वेस्टइंडीज को फाइनल में हराकर पहली बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। भारत के कप्तान कपिल देव को टूर्नामेंट का हीरो कहा जाता है। उन्होंने जिम्बाब्वे के खिलाफ सेमीफाइनल में 175 रनों की पारी खेलकर टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचाया था। कपिल देव ने कपिल शर्मा के शो पर फाइनल के दौरान की कई चीजों का खुलासा किया था। उन्होंने बताया था कि क्यों वे खिताबी मुकाबले में टॉस के दौरान बहुत गुस्से में थे।

कपिल देव ने शो पर कहा था, ‘‘टॉस के दौरान मेरे दिमाग में सिर्फ गुस्सा चल रहा था। क्योंकि जो पिच था वो काफी ज्यादा हरा था। उस पर बहुत सारा घास था। हमारा मानना था कि वनडे का पिच थोड़ा फ्लैट होना चाहिए था। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि उनके तेज गेंदबाज काफी खतरनाक थे। ऐसा लग रहा था कि पिच उनके लिए बनाई गई है। हम टॉस हार गए थे। उन्होंने हमें पहले बल्लेबाजी करने के लिए कहा। जब कुछ होना होता है तो होता ही है।’’

कपिल देव ने मैच जीतने के बाद विकेट उखाड़ने की एक यादगार तस्वीर के बारे में कहा, ‘‘मोहिंदर अमरनाथ (जिम्मी) ने माइकल होल्डिंग को एलबीडब्ल्यू आउट किया था। अंपायर डिकी बर्ड ने फैसला दिया था। जिम्मी विकेट उखाड़ना चाहते थे, लेकिन वो विकेट नहीं उखाड़ पाए। क्योंकि वो इतनी तेजी से भागे जा रहे थे। वो जोश में थे, लेकिन विकेट नहीं उखाड़ सके। मैच जीतने के बाद मैं बहुत अंग्रेजी बोला, लेकिन मुझे ही समझ नहीं आई। मैं ट्रॉफी लेना चाहता था, लेकिन वो दे ही नहीं रहे थे। मुझे टीम के साथ जश्न मनाना था।’’

भारत ने मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 54.4 ओवर में 10 विकेट पर 183 रन बनाए। क्रिस श्रीकांत ने सबसे ज्यादा 38 रन बनाए थे। संदीप पाटिल ने 27 और मोहिंदर अमरनाथ ने 26 रन बनाए थे। मदन लाल ने 17, कपिल देव ने 15, सैयद किरमानी ने 14 रन बनाए थे। वेस्टइंडीज के लिए एंडी रॉबर्ट्स ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए थे। 184 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी विंडीज टीम 52 ओवर में 140 रनों पर ढेर हो गई। विवियन रिचर्ड्स ने सबसे ज्यादा 33 रन बनाए थे। भारत के लिए मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल ने 3-3 विकेट चटकाए थे।