श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का ऐलान गुरुवार (10 जून) को कर दिया गया था। 20 सदस्यीय टीम में तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को नहीं चुना गया। उनके नहीं चुने जाने के कारण कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। लगातार घरेलू टूर्नामेंट में बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद उनादकट का नहीं चुना जाना क्रिकेट फैंस के गले नहीं उतर रहा है। वे सोशल मीडिया पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को लगातार कोस रहे हैं।

उनादकट ने भारत के लिए पहला टेस्ट मैच 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था। 29 वर्षीय यह तेज गेंदबाज टीम इंडिया के लिए सात वनडे और 10 टी20 मैच खेल चुका है। 2018 के बाद से वे राष्ट्रीय टीम में नहीं चुने गए हैं। उनादकट ने 89 फर्स्ट क्लास मैच में 327 विकेट चटकाए हैं। 150 टी10 मैचों में उनके नाम 182 विकेट हैं। 2019-20 सीजन में सौराष्ट्र को चैंपियन बनाने में उनका अहम योगदान था। उनादकट ने सीजन में 67 विकेट लिए थे। उनकी जगह राजस्थान रॉयल्स में उनके साथ चेतन सकारिया को चुना गया है।

उनादकट के नहीं चुने जाने पर एक फैन ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘जयदेव उनादकट- 10 मैच में 13 की औसत से 67 विकेट। कम से कम वो टीम में जगह पाने के हकदार थे। रणजी ट्रॉफी मजाक है। कृष्णप्पा गौतम और नवदीप सैनी को क्यों चुना गया?’’ एक अन्य यूजर ने बीसीसीआई को आड़े हाथों लेते हुए लिखा- ‘‘प्रिय भारतीय चयनकर्ताओं, शेल्डन जैक्सन और जयदेव उनादकट जैसे लोगों के लिए घरेलू क्रिकेट में सीजन दर सीजन अच्छा प्रदर्शन करने वाले लोगों के लिए भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में चयन के लिए और क्या आवश्यक है, कम से कम SL जैसे दौरों पर।’’

उनादकट के अलावा घरेलू क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन को भी टीम में नहीं चुना गया। इसे लेकर उनका दर्द भी छलक गया। आईपीएल कोलकाता नाइटराइडर्स की टीम के सदस्य जैक्सन ने ट्विटर, ‘‘सूरज उगेगा और मैं फिर से कोशिश करूंगा।’’ नीतीश राणा, ऋतुराज गायकवाड़, चेतन सकारिया, देवदत्त पडिक्कल और कृष्णप्पा गौतम को पहली बार चुना गया, लेकिन 34 साल के शेल्डन को नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने फर्स्ट क्लास मैचों में लगभग 50 की औसत से 5634 रन बनाए हैं। वहीं लिस्ट ए मैचों में 37.42 की औसत से 2096 रन बनाए हैं। टी20 मैचों में उन्होंने 25.86 की औसत और 117.09 की स्ट्राइक रेट से 1240 रन बनाए हैं।