जय शाह को इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) का नया अध्यक्ष चुना गया है। वे न्यूजीलैंड के ग्रेग बार्कले की जगह लेंगे। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के सचिव को निर्विरोध चुना गया । बार्कले 2020 से आईसीसी के अध्यक्ष थे। उन्होंने लगातार दो बार पद संभाला था। उन्होंने तीसरे कार्यकाल से मना कर दिया था। इसके बाद 27 अगस्त तक इस पद के लिए नामांकन करना था। जय शाह अकेले उम्मीदवार थे। ऐसे में चुनाव की जरूरत नहीं पड़ी। शाह, आईसीसी के अध्यक्ष बनने वाले पांचवें भारतीय हैं।

बीसीसीआई सचिव के साथ-साथ ये पद भी होंगे खाली

जय शाह अक्टूबर 2019 से बीसीसीआई सचिव हैं। 2022 में ही वे आईसीसी की प्रभावशाली वित्त एवं वाणिज्यिक मामलों (एफ एंड सीए) समिति का हिस्सा बने। 2023 में इसके अध्यक्ष बने। जय शाह को 2022 में बीसीसीआई सचिव के तौर पर फिर से चुना गया। उनका कार्यकाल 2025 तक चलना था। यानी वह इस पद पर कम से कम एक साल और बने रह सकते थे।

कब तक बीसीसीआई सचिव बने रह सकते हैं जय शाह

आईसीसी अध्यक्ष का पद संभालने के बाद जय शाह को बीसीसीआई और आईसीसी की एफ एंड सीए समिति में अपना पद छोड़ना होगा। शाह 2021 से फिलहाल तक एशियन क्रिकेट काउंसिल के अध्यक्ष भी हैं। उन्हें यह पद भी छोड़ना होगा। 2016 से आईसीसी अध्यक्ष एक स्वतंत्र पद बन गया है। ऐसे में निर्वाचित उम्मीदवार दो पदों पर नहीं रह सकता है। आईसीसी अध्यक्ष के तौर पर उनका कार्यकाल 1 दिसंबर से शुरू होगा। इससे पहले वह बीसीसीआई सचिव और अन्य पदों को छोड़ देंगे।

आईसीसी अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल

जय शाह का आईसीसी अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल तीन वर्ष का होगा और उन्हें तीन वर्ष और पद पर बने रहने का विकल्प भी होगा। आईसीसी अध्यक्ष पद संभालने से पहले उन्हें बीसीसीआई सचिव पद के लिए उपयुक्त उम्मीदवार ढूंढकर बोर्ट में सत्ता का सुचारू ट्रांजिशन भी सुनिश्चित करना होगा। बीसीसीआई की वार्षिक आमसभा की बैठक अगले महीने या अक्टूबर में होगी। इस दौरान बीसीसीआई सचिव का पद जय शाह छोड़ देंगे। जय शाह से पहले जगमोहन डालमिया, शरद पवार, एन श्रीनिवासन और शशांक मनोहर भी आईसीसी अध्यक्ष रह चुके हैं।

जय शाह के लिए आईसीसी अध्यक्ष बनने का बेहतर समय

जय शाह के लिए आईसीसी अध्यक्ष बनने का इससे बेहतर समय नहीं हो सकता था। वह 2025 से 2028 तक अनिवार्य ‘कूलिंग आफ पीरियड ’से गुजरते। यानी उन्हें बीसीसीआई से दूर रहना पड़ता। बीसीसीआई के संविधान के अनुसार लगातार 18 साल तक पदाधिकारी पद पर रह सकते हैं। इनमें से नौ कार्यकल राष्ट्रीय बोर्ड और नौ प्रदेश के साथ हो सकते हैं। कोई व्यक्ति लगातार छह साल तक ही पद पर रह सकता है। इसके बाद तीन साल का ब्रेक लेना होता है। वह दो बार आईसीसी अध्यक्ष रहने के बाद 2028 में बीसीसीआई अध्यक्ष भी बन सकते हैं।