जय शाह ने एक दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के सबसे युवा अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल लिया है। हालांकि अभी भी इस बात पर सस्पेंस है कि उनके जाने से बोर्ड में सचिव का जो पद खाली हो गया वह किसे मिलेगा। न सिर्फ बीसीसीआई बल्कि राज्य संघों के अलावा अधिकारियों को भी अब तक यह पता नहीं है कि बीसीसीआई का नया सचिव कौन होगा। सचिव के पद को 2022 के बाद हुए बदलावों के बाद सबसे ताकतवर स्थान माना जाता है। बीसीसीआई सचिव के पास ‘क्रिकेट और गैर-क्रिकेट मामलों से संबंधित सभी शक्तियां’ हैं और सीईओ उसकी देखरेख में काम करता है।

सचिव की जगह के कई दावेदार

शाह को अगस्त में आईसीसी के शीर्ष पद के लिए निर्विरोध चुना गया था और तब से बीसीसीआई के हितधारक बोर्ड में होने वाले बदलाव के बारे में सोच रहे हैं। बीसीसीआई में शाह की जगह लेने की दौड़ में गुजरात के अनिल पटेल और बोर्ड के मौजूदा संयुक्त सचिव देवजीत सैकिया का नाम आगे है। डीडीसीए अध्यक्ष रोहन जेटली का नाम भी सामने आया, लेकिन यह सिर्फ अटकलें ही रहीं।

बीसीसीआई के एक प्रशासक ने कहा, ‘‘हमें नहीं पता कि क्या हो रहा है। हर कोई (बीसीसीआई के अधिकारी और राज्य इकाइयां) इस मामले पर चुप हैं। सबसे अधिक संभावना है कि संयुक्त सचिव (सैकिया) फिलहाल अंतरिम होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे मुद्दे हैं, जिनसे रोजाना निपटना पड़ता है और जो कोई भी आता है, उसे बीसीसीआई के संचालन के बारे में थोड़ी जानकारी होनी चाहिए।’’

45 दिन में होनी होती है नियुक्ति

निर्वाचित पदाधिकारी के इस्तीफा देने के बाद से बोर्ड के पास विशेष आम बैठक (एजीएम) बुलाने और उसके उत्तराधिकारी का चयन करने के लिए 45 दिन का समय होता है। अगर शाह के आईसीसी का कार्यभार संभालने के दिन से 45 दिनों की गणना की जाए तो बोर्ड के पास पद भरने के लिए जनवरी के मध्य तक का समय है। संविधान के अनुसार बीसीसीआई को चुनाव से कम से कम चार सप्ताह पहले एक निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति भी करनी होती है। राज्य इकाई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बोर्ड के पास बदलाव को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय है।