देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के पसंद और नापसंद को लेकर कई बातें सार्वजनिक हुई हैं। नेहरू को की लोग आधुनिक भारत का निर्माता भी कहते हैं, तो की उनकी आलोचना भी करते हैं। इन सबके बीच बहुत कम लोगों को पता है कि नेहरू क्रिकेट के भी काफी शौकीन थे। उनके पास हमेशा एक स्पेशल बल्ला होता था। इसे देखकर नेहरू के साथी ही उन्हें ‘एक्स्ट्रा स्पेशल’ कहते थे। नेहरू को क्रिकेट काफी पसंद था, लेकिन वे अपने इस शौक को प्रोफेशनल रूप नहीं दे सके।

लुधियाना में जन्मे दिवंगत फोटोग्राफर कुलवंत राय ने नेहरू की एक स्पेशल तस्वीर खिंची थी। यह 1953 में सांसदों के क्रिकेट मैच की है जिसमें नेहरू ‘एक्स्ट्रा स्पेशल’ बल्ला लिए उस पर मुँह टिकाए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं, ठीक कुछ वैसा जैसा किसी भी क्रिकेट मैच में अपनी बारी का इंतजार करने वाला क्रिकेटर करता है। पंडित नेहरू के क्रिकेट प्रेम का जिक्र उन पर लिखी कुछ किताबों में भी है जिनके मुताबिक वे लंदन में पढ़ाई के दौरान कांसर्ट के अलावा लार्ड्स पर होने वाले मैच देखने जाया करते थे। उन्होंने अपनी पढ़ाई ब्रिटेन के हैरो कैम्ब्रिज और लंदन में की और इसी दौरान उनके क्रिकेट प्रेम की शुरुआत हुई।

शंकर घोष की ‘जवाहरलाल नेहरू ए बायोग्राफी’ के अनुसार हैरो में वे क्रिकेट खेला करते थे लेकिन लॉर्ड्स में इटोन के खिलाफ चयनित अंतिम एकादश में उन्हें शामिल नहीं किया गया। शायद इससे उन्हें काफी दु:ख हुआ। इसके बाद उन्होंने भारत से भेजी हुई पतंग को ही उड़ाने में अपना ध्यान लगाया। शंकर ने इस किताब में लिखा है कि कैम्ब्रिज में नेहरू ने टेनिस में भी हाथ आजमाए लेकिन उनका मन इसमें नहीं लगा। लंदन में पढ़ाई के दौरान उनके पास काफी समय बचता था जिसमें वे कांसर्ट देखने के अलावा क्रिकेट के मक्का लॉर्ड्स पर जाकर क्रिकेट का लुत्फ उठाते थे।

हिस्टोरिक टाइम्स ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर एक वीडियो भी शेयर किया है। जिसमें नेहरू संसद के अन्य सदस्यों के साथ क्रिकेट खेल रहे हैं। कथित तौर पर क्रिकेट मैच नई दिल्ली में एक चैरिटी कार्यक्रम में आयोजित किया गया था। नेहरू ने मैच में लोकसभा टीम की कप्तानी की। इस मैच में से पहले नेहरू ने पिछली बार क्रिकेट लंदन में हैरो की टीम के लिए क्रिकेट खेला था। नेहरू ने लंदन के हैरो स्कूल, इंग्लैंड में पढ़ाई की। वीडियो के मुताबिक, खुद को नैतिक रूप से आउट घोषित करने से पहले नेहरू ने दूसरी पारी में एक रन बनाए थे और मैच ड्रॉ हो गया था।

हर साल प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की एकादश टीमों के बीच क्रिकेट मैचों का आयोजन किया जाता था, जिसमें नेहरू पूरी तरह से तैयार होकर आते थे और अगर कोई सदस्य धोती पहनकर आता तो वे उसे टीम में शामिल नहीं होने देते थे। भारतीय वायुसेना में काम कर चुके रामुन्नी ने उन दिनों को याद करते हुए कहा कि जब भी दिल्ली में टेस्ट मैच हुआ करता था, वे कार्यालय छोड़कर कुछ देर के लिए मैच देखने जाया करते थे। नेहरू स्कोर शीट मांगा करते थे और फिर छोटे बच्चे की तरह स्कोर लिखने लग जाते थे।