पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के रूप में महान क्रिकेटर इमरान खान का कार्यकाल कई विवादों से भरा रहा और अंत में पाकिस्तान संसद में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से अपदस्थ होने वाले वो पाकिस्तान के पहले प्रधान मंत्री भी बने। उनकी पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने गठबंधन सहयोगियों का समर्थन खो दिया था और इसकी वजह से ही उन्हें अपना पद गंवाना पड़ा था।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और अपने साथी क्रिकेटर इमरान खान के बारे में शनिवार को एआरवाई न्यूज के साथ बात करते हुए जावेद मियांदाद ने बड़ा खुलासा किया और कहा कि मैंने उन्हें पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने में मदद की। हालांकि मियांदाद को इस बात का अफसोस है कि इस पूर्व ऑलराउंडर ने उनके प्रयासों के लिए उन्हें कभी धन्यवाद नहीं कहा। एक सवाल का जबाव देते हुए मियांदाद ने कहा कि मैं खुलासा कर रहा हूं कि मैंने इमरान खान को प्रधानमंत्री बनने में मदद की थी। मैं उनके शपथ ग्रहण समारोह में भी था, लेकिन तब भी मुझे कभी धन्यवाद फोन नहीं आया जिससे मैं काफी परेशान था। क्या ऐसा करना आपका कर्तव्य था फिर आपने 2 बजे मेरा दरवाजा क्यों खटखटाया था।

इमरान खान ने अगस्त 2018 में पाकिस्तान के प्रधान मंत्री के रूप में अपना कार्यकाल शुरू किया। वह तीन साल तक इस पद पर रहे लेकिन अप्रैल 2022 में, प्रधान मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल अविश्वास प्रस्ताव के बाद समाप्त हो गया। इमरान खान उस टीम के कप्तान थे जिसने 1992 में ऑस्ट्रेलिया में हुए वनडे विश्व कप के फाइनल में इंग्लैंड को हराया था। जावेद मियांदाद पाकिस्तान के लिए उस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले और दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी थे।

दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने 9 मैचों में 62.43 की औसत से 437 रन बाए थे। वहीं फाइनल में पाकिस्तान ने दो विकेट 24 रन पर गंवा दिए थे। इसके बाद मियांदाद और इमरान खान के बीच 139 रन की अहम साझेदारी हुई थी। मियांदाद ने जहां 98 गेंदों पर 58 रन बनाए थे तो वहीं इमरान खान ने 110 गेंदों पर 72 रन की अहम पारी खेली थी। पाकिस्तान ने इंग्लैंड को जीत के लिए 250 रन का टारगेट दिया था। इसके बाद पाकिस्तान के गेंदबाजों ने इंग्लैंड की टीम को 227 रन पर रोक दिया था और फिर पहला वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीता था।