वर्कलोड मैनेजमेंट और इंग्लैंड दौर पर केवल 3 मैच खेलने को लेकर चल रही बहस के कारण जसप्रीत बुमराह आलोचकों के निशाने पर हैं। इस साल की शुरुआत में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान गंभीर चोट लगने के बाद इंग्लैंड दौरे से बुमराह ने इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की। भारतीय टीम प्रबंधन ने कहा था कि बुमराह दौरे के पांच मैचों में से केवल तीन ही खेलेंगे, चाहे परिणाम और सीरीज का स्कोरलाइन कुछ भी हो।
अगस्त की शुरुआत में ओवल टेस्ट में रोमांचक जीत के साथ भारत ने सीरीज को 2-2 से बराबर किया। तेज गेंदबाज बुमराह को दूसरे दिन स्क्वाड से रिलीज कर दिया गया था। तीन मैचों में उन्होंने दो बार पांच विकेट सहित 14 विकेट लिएं। हालांकि, विचित्र गेंदबाजी एक्शन वाले बुमराह चोट से जूझते रहे हैं। गुजरात के इस तेज गेंदबाज का अपने अनोखे एक्शन से उत्पन्न समस्याओं से नाता बहुत पुराना है।
बुमराह का अंडर-19 टीम में चयन नहीं हुआ
भारत के पूर्व गेंदबाजी कोच भरत अरुण ने हाल ही में खुलासा किया कि बुमराह ने गति बढ़ाने के लिए बर्गर-पिज्जा और मिल्कशेक को एक झटके में छोड़ दिया था। यह बात 2013 की है। इसके 3 साल बाद बुमराह ने पहली बार भारत का प्रतिनिधित्व किया। बुमराह का अंडर-19 टीम में चयन नहीं हुआ था। गति बढ़ाने के लिए एक्शन में भी बदलाव करने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद तेज गेंदबाज ने जंक फूड से तौबा कर लिया।
बुमराह अंडर-19 कैंप के लिए एनसीए आए थे
बॉम्बे स्पोर्ट एक्सचेंज पर भरत अरुण ने कहा, “2013 में, बुमराह अंडर-19 कैंप के लिए एनसीए आए थे और उन्होंने चयन के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी। वह टीम में जगह नहीं बना पाए, लेकिन नेशनल क्रिकेट एकेडमी के 30 सदस्यीय कैंप में शामिल थे।” अरुण ने खुलासा किया कि एनसीए के कोचों ने बुमराह की गति में सुधार करने के लिए उनके एक्शन में बदलाव करने का प्रयास किया था। बदला एक्शन बहुत अच्छा था, लेकिन वह पर्याप्त गति उत्पन्न नहीं कर सके।
बुमराह का एक्शन बदलने की कोशिश
अरुण ने कहा, “सच कहूं तो, हमने बुमराह का एक्शन भी बदलने की कोशिश की थी। उसे नया रूप दिया गया था। एक्शन बढ़िया था, लेकिन गेंद में तेज नहीं थी। अगर गेंदें असरदार नहीं हैं तो बेहतरीन एक्शन का क्या मतलब? वह तेज गेंदबाजी कर सकते थे, इसलिए हमने फिजियो और स्ट्रेंथ एंड कंडीशनिंग कोच से बात की। हमने कहा, मैं उसके एक्शन को नहीं छूना चाहूंगा क्योंकि यह बहुत अनोखा है और बहुत तेज गति पैदा करता है। लेकिन इससे वह तनाव में भी रहता है।”
बुमराह ने पौष्टिक खाना शुरू
अरुण ने कहा कि बुमराह पर जंक फूड के प्रति अपने प्रेम को त्यागने और ताकत पैदा करने के लिए अपने शरीर में बदलाव लाने की जिम्मेदारी थी। तेज गेंदबाज ने एक झटके में त्याग कर दिया। उन्होंने कहा, “हमने उसे फोन किया और बताया: तेज गेंदबाजी का दबाव झेलने के लिए तुम्हें बैल जैसा बनना पड़ेगा। इसके लिए डाइट, व्यायाम और त्याग जरूरी है। सच कहूं तो, बुमराह तुरंत बदल गए। उन्होंने पौष्टिक खाना शुरू कर दिया, जिम में कसरत करने लगे। विराट कोहली की तरह वो भी बेहद समर्पित थे। उन्हें बर्गर, पिज्जा, मिल्कशेक बहुत पसंद थे। उन्होंने रातों-रात सब कुछ छोड़ दिया।”