पुलिस ने रविवार रात दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर कार्रवाई की। इसके विरोध में सोमवार को देश में भर विरोध प्रदर्शन हुए। जामिया की लाइब्रेरी में आंसू गैस के गोले दागने और अधिकारियों की मंजूरी के बिना विश्वविद्यालय में प्रवेश करने के मामले की जांच की मांग को लेकर हजारों छात्र सड़कों पर उतर आए।

जामिया विश्वविद्यालय में कार्रवाई के विरोध में रविवार रात अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पुलिस की छात्रों के साथ झड़प हुई, जिसमें कई लोगों के घायल होने की खबर है। सिविल सोसाइटी (नागरिक समाज के सदस्यों) ने भी नागरिकता संशोधित अधिनियम का विरोध करने पर जामिया और एएमयू में छात्रों के खिलाफ पुलिस की ‘हिंसक’ कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।

क्रिकेटर इरफान पठान और टीम इंडिया के पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा समेत कुछ गिने चुने पूर्व क्रिकेटरों ने ही इस मुद्दे पर अपनी बात रखी है। शायद यही वजह है कि देश के विभिन्न मुद्दों पर अक्सर बोलने वाली खेल बिरादरी की चुप्पी सोशल मीडिया यूजर्स यानी नेटिजंस (Netizens) को रास नहीं आ रही है।

आकाश चोपड़ा ने लिखा, ‘देश भर के शैक्षिक संस्थानों से आ रही तस्वीरें बेहद तकलीफदेह हैं। आंखों में आंसू हैं। वे हमारे में से एक हैं। ये बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। उनकी आवाज बलपूर्वक कुचलकर हम भारत को महान नहीं बना पाएंगे। आप सिर्फ उन्हें भारत के खिलाफ कर दोगे।’ उनसे पहले इरफान पठान ने ट्वीट किया था, ‘राजनीतिक आरोप प्रत्यारोप तो चलते रहेंगे लेकिन मैं और हमारा देश जामिया मिलिया के छात्रों को लेकर चिंतित है।’