भारतीय घरेलू क्रिकेट सर्किट का एक लंबा और अच्छा इतिहास रहा है। यह लोकप्रियता के मामले में आईपीएल से भले ही पिछड़ गया हो, लेकिन रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी टूर्नामेंट अब भी भारतीय क्रिकेट की रीढ़ हैं। भारतीय अंतरराष्ट्रीय सेट-अप के अभिन्न अंग मयंक अग्रवाल, हनुमा विहारी और श्रेयस अय्यर जैसे खिलाड़ी प्रभावशाली घरेलू क्रिकेट सर्किट की ही पैदाइश हैं। हालांकि, कुछ ऐसे भी खिलाड़ी हैं, जिन्हें इन टूर्नामेंट्स में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद अब तक भारतीय टीम में चुने जाने का इंतजार है। ऐसे ही एक खिलाड़ी हैं सौराष्ट्र के विकेटकीपर-बल्लेबाज शेल्डन जैक्सन।
35 सल के शेल्डन जैक्सन ने हाल ही में कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए आईपीएल खेला था। वह 79 प्रथम श्रेणी मुकाबलों में 50.39 के प्रभावशाली औसत से 5947 रन बनाने के बावजूद टीम इंडिया में चुने जाने का इंतजार कर रहे हैं। जैक्सन की गैरमौजदूगी अतीत में भी चर्चा का एक विषय रही है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह उन्हें बार-बार दरकिनार किए जाने पर कई बार आश्चर्य जाहिर कर चुके हैं। जलज सक्सेना, अक्षय वाखरे कीर तरह घरेलू सर्किट में सफल होने के बावजूद शेल्डन जैक्सन को भी भारत के लिए खेलने के अपने सपने को साकार करना बाकी है। जैक्सन का मामला और भी अधिक निराला है, क्योंकि वह एक बढ़िया विकेटकीपर बल्लेबाज हैं, लेकिन चयनकर्ता हमेशा उनको नजरअंदाज करते रहे हैं। जैक्सन खुद भी चयनकर्ताओं से काफी परेशान हैं। उन्होंने कुछ दिलचस्प खुलासे किए हैं।
स्पोर्ट्सक्रीड़ा से बातचीत में जैक्सन ने कहा, ‘सच कहूं तो ऐसा सिर्फ इस साल नहीं हुआ है, शुरू से ही होता आ रहा है। रनों की संख्या और जिस दर से मैंने उन्हें हासिल किया है; मुझे नहीं लगता कि देश में ऐसा कई लोगों के पास है। अगर आप 75 मैच खेलते हैं और करीब 6000 रन बनाते हैं तो यह दिखाता है कि मैंने कड़ी मेहनत से क्या हासिल किया है।’
उन्होंने बताया, ‘मुझे क्यों नहीं चुना गया, इस पर कोई संवाद नहीं हुआ है। एक बार जब मैंने किसी से पूछा कि मुझे और क्या करने की जरूरत है, तो मुझसे कहा गया कि मैं बूढ़ा हो गया हूं। उन्होंने मुझे बताया कि 30 से ऊपर हम किसी को नहीं चुन रहे हैं। लेकिन एक साल बाद उन्होंने किसी 32-33 साल के आसपास के व्यक्ति को चुना। मैं बहुत मुखर था कि क्या कोई कानून है कि एक बार जब आप 30, 35 या 40 से ऊपर हो जाते हैं तो आपको चुना नहीं जा सकता है? तो आप कानून के साथ क्यों नहीं चलते?’
प्रथम श्रेणी के प्रभावशाली आंकड़ों के अलावा शेल्डन जैक्सन लिस्ट ए के मुकाबलों में भी पीछे नहीं हैं। उन्होंने 37.33 के औसत से 67 मैच में 2346 रन बनाए हैं। इसमें 8 शतक और 12 अर्द्धशतक शामिल हैं। उन्होंने टी20 क्रिकेट में 70 मैच में 27.39 के औसत से 1534 रन बनाए हैं। इसमें उनका एक शतक और 10 अर्धशतक भी शामिल हैं। जैक्सन को कभी भी किसी भी फॉर्मेट में भारतीय टीम में शामिल नहीं किया गया।
अपने करियर के इस पड़ाव पर, जैक्सन समझते हैं कि भले ही इंतजार करना कठिन हो, लेकिन यही उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करता है। जैक्सन ने रेखांकित किया, ‘यह बहुत मुश्किल है क्योंकि साल-दर-साल, आप कड़ी मेहनत कर रहे हैं। भारतीय घरेलू क्रिकेट लगातार बने रहना इतना मुश्किल है, साल-दर-साल वहां बढ़िया प्रदर्शन करना। लेकिन यह मेरे लिए प्रेरणा है। जितना अधिक मुझे नहीं चुना जाता, उतना ही मैं इसे फिर से करने के लिए दृढ़ हो जाता हूं। लोगों को साबित करने के लिए नहीं, बल्कि यह साबित करने के लिए कि मुझमें अब भी भूख है।’
शेल्डन जैक्सन कहते हैं, ‘मुझे किसी को कुछ साबित करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि मैंने ऐसा लंबे समय से किया है। मेरे पास देश का सबसे अच्छा बल्लेबाजी कोच और सबसे अच्छा ट्रेनर है। वे मुझे प्रेरित करते रहते हैं कि ‘चलो एक और साल देखते हैं।’ वही मैं आपसे कहता हूं, ‘चलो एक और साल देखते हैं।’’