दिल्ली की एक अदालत ने आईपीएल-6 स्पॉट फिक्सिंग मामले में आरोप तय करने संबधी फैसला आज 25 जुलाई के लिए स्थगित कर दिया। इस मामले में निलंबित क्रिकेटर अजित चंदीला, एस श्रीसंत और अंकित चव्हाण के अलावा अन्य लोग आरोपी हैं जिनमें अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसका सहयोगी छोटा शकील भी शामिल है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा को आज इस संबंध में फैसला सुनाना था लेकिन उन्होंने कहा कि आदेश पत्र अभी तैयार नहीं हो पाया है। अदालत ने इस संबंध में फैसला सुनाने के लिए 25 जुलाई की तिथि तय की और कहा कि यदि इस मामले में कोई स्पष्टीकरण है तो वह उसे मांगेगी।

अदालत ने इस मामले में आरोप तय करने संबंधी फैसला सुनाने के लिए 23 मई को आज का दिन निर्धारित किया था और आरोपियों की ओर से पेश हो रहे वकीलों को छह जून तक लिखित में अपना पक्ष रखने को कहा था।

दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने अपने आरोप पत्र में 42 लोगों को आरोपी बनाया था जिसमें से छह भगोड़े हैं।

इस मामले की पुलिस जांच पर अदालत ने प्रश्नचिन्ह लगाते हुए उसकी ‘‘मैच फिक्सिंग’’ की थ्योरी पर सवाल उठाया था। अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया इस बात के सबूत नहीं है जो दर्शाए कि आरोपियों ने मैच फिक्स किये थे।

आरोप निर्धारण पर जिरह के दौरान पुलिस ने आरोपियों के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र किया था और दावा किया था कि वे मैच फिक्सिंग एवं सट्टेबाजी में शामिल थे।

पुलिस ने आरोप लगाया था कि इस मामले में कॉल रिकार्ड से आरोपियों के संपर्क की स्पष्ट झलक मिलती है जो कि धन सृजन करने वाले सिंडीकेट का हिस्सा थे।

पुलिस की दलीलों का प्रतिवाद करते हुए आरोपियों के वकीलों ने कहा था कि पुलिस जांच में प्रथम दृष्टया यह साबित करने में नाकाम रही है कि उनके मुवक्किलों ने कोई अपराध किया है।

बचाव पक्ष के वकीलों ने यह भी दलील दी कि इस मामले में आरोप निर्धारित करने के लिए प्रथम दृष्टया कोई सबूत नहीं है।

अदालत ने पहले दाऊद और शकील को भगोड़ा अपराधी घोषित किया था क्योंकि वे इस मामले में गिरफ्तारी से बच रहे हैं। पुलिस ने पहले अदालत से कहा था कि मुम्बई में दाऊद और शकील की संपत्तियां 1993 के मुम्बई सिलसिलेवार बम विस्फोट मामले में पहले ही कुर्क की जा चुकी है और दोनों 1993 के बाद से भारत नहीं आए।

पुलिस ने अदालत को बताया था कि दाऊद की मुंबई के डोंगरी में तथा शकील की वहां नागपाड़ा में संपत्तियां हैं। अदालत ने पहले दाऊद, शकील, पाकिस्तान स्थित जावेद चुटानी, सलमान उर्फ मास्टर और एहतेश्याम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किये थे। चुटानी, सलमान और एहतेश्याम दाऊद के करीबी समझे जाते हैं।

पुलिस ने इस मामले में आरोपियों के खिलाफ 6000 पृष्ठों का एक आरोपपत्र दायर किया था। उसने बाद में पूरक आरोपपत्र भी दायर किया था। अदालत ने पहले श्रीसंत, चव्हाण और कई अन्य आरोपियों के विरूद्ध मकोका के प्रावधानों के तहत सबूत नहीं होने पर उन्हें जमानत दे दी थी। चंदीला समेत अन्य आरोपियों को भी बाद में अदालत से जमानत मिल गई थी।

पुलिस ने अपने आरोपपत्र में दावा किया था कि दाऊद और शकील भारत में क्रिक्रेट में फिक्सिंग और सट्टेबाजी को नियंत्रित करते रहे और वे ही आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के पीछे थे।