आईपीएल का रोमांच अपने चरम पर है लेकिन इस बार मैदान पर कुछ सितारे अपनी चमक खोते नजर आ रहे हैं। पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग जो अपनी बेबाक राय के लिए जाने जाते हैं उन्होनें इस बार ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल और इंग्लैंड के लियाम लिविंगस्टोन को अपने निशाने पर लिया है। सहवाग ने इन दोनों विदेशी खिलाड़ियों पर तीखा हमला बोलते हुए उनकी इरादे पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि ये खिलाड़ी आईपीएल में सिर्फ छुट्टियां मनाने आते हैं न कि अपनी टीम के लिए कुछ खास करने की चाहत रखते हैं।

सहवाग का बयान: खत्म हो चुकी है भूख

Cricbuzz पर बातचीत के दौरान सहवाग ने बिना किसी लाग-लपेट के अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि मैक्सवेल और लिविंगस्टोन की भूख खत्म हो चुकी है। ये लोग यहां छुट्टियां मनाने आते हैं। आते हैं मजे करते हैं और चले जाते हैं। इनमें अपनी टीम के लिए लड़ने की कोई चाहत नजर नहीं आती। सहवाग का यह बयान न सिर्फ इन खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर सवाल उठाता है बल्कि उन फ्रेंचाइजियों के लिए भी चेतावनी है, जो विदेशी सितारों पर मोटी रकम खर्च करती हैं।

सहवाग ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा मैंने कई पूर्व खिलाड़ियों के साथ समय बिताया है लेकिन सिर्फ एक या दो ने ही मुझे यह अहसास कराया कि ‘हां, मैं वाकई अपनी टीम के लिए कुछ करना चाहता हूं। उनकी यह टिप्पणी उन खिलाड़ियों की मानसिकता पर गहरी चोट करती है, जो मैदान पर वह जज्बा नहीं दिखा पा रहे हैं जिसके लिए आईपीएल जाना जाता है।

मैक्सवेल का फीका प्रदर्शन

ग्लेन मैक्सवेल जिन्हें उनकी विस्फोटक बल्लेबाजी और खेल को पलटने की क्षमता के लिए जाना जाता है, इस सीजन में अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे हैं। छह मैचों में उन्होंने सिर्फ 41 रन बनाए हैं, जिसमें उनका औसत महज 8.20 रहा और स्ट्राइक रेट 100 का। यह आंकड़े उस खिलाड़ी के लिए निराशाजनक हैं, जिससे हर बार बड़े स्कोर और तूफानी पारियों की उम्मीद की जाती है। उनकी गेंदबाजी में भी कोई खास कमाल नहीं दिखा। चार विकेट के साथ उनकी इकॉनमी 8.46 रही, जो उनकी बल्लेबाजी की नाकामी को ढकने के लिए काफी नहीं है। मैक्सवेल का यह प्रदर्शन उनके प्रशंसकों के लिए किसी सदमे से कम नहीं है।

फीकी पड़ी लिविंगस्टोन की चमक

दूसरी ओर लियाम लिविंगस्टोन ने कुछ मौकों पर अपनी पावर-हिटिंग की झलक दिखाई लेकिन वह निरंतरता नहीं दिखा सके। सात मैचों में उन्होंने 87 रन बनाए, जिसमें एक अर्धशतक शामिल है लेकिन उनका औसत 17.40 रहा। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (आरसीबी) ने उन पर 8.75 करोड़ रुपये की मोटी रकम खर्च की थी लेकिन उनका प्रदर्शन इस निवेश को जायज ठहराने में नाकाम रहा। उनकी पार्ट-टाइम स्पिन गेंदबाजी भी कोई कमाल नहीं कर सकी और उन्होंने सिर्फ दो विकेट हासिल किए।