इंडियन प्रीमियर लीग 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए ऋषभ पंत का प्रदर्शन बद से बदतर होता जा रहा है। चूंकि टीम ने शुरुआती सीजन में कुछ अच्छे नतीजे हासिल किये, शायद यही वजह रही कि ऋषभ पंत की खराब फॉर्म पर किसी का ध्यान नहीं गया। वह पिछले कुछ समय से संघर्ष कर रहे हैं। अब ऋषभ पंत की फॉर्म पर सबकी नजर है।

ऋषभ पंत के आउट होने का तरीका चिंताजनक

पंजाब किंग्स के खिलाफ एक अच्छी बैटिंग ट्रैक पर 236 रन का पीछा करते हुए ऋषभ पंत के पास रविवार 4 मई को एक बेहतरीन पारी खेलने का मौका था, लेकिन वह रन नहीं बन पाए। ऋषभ पंत जिस तरह से आउट हुए वह और भी चिंताजनक था। ऑफ साइड पर गेंद मारने की कोशिश में बल्ला उनके हाथ से फिसलकर स्क्वायर लेग क्षेत्र के पास गिरा और गेंद शशांक सिंह की पहुंच में चली गई।

अब ऋषभ पंत की बल्लेबाजी की खुलकर आलोचना हो रही है। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी अंबाती रायुडू ने ऋषभ पंत के बल्लेबाजी कौशल और बल्लेबाजी क्रम को लेकर सवाल उठाये हैं। अंबाती रायुडू का मानना है कि वह अपने जिद्दी रवैये के कारण लगातार फेल हो रहे हैं।

बल्लेबाजी क्रम या दृष्टिकोण नहीं बदल रहे पंत: रायुडू

अंबाती रायुडू ने ईएसपीएनक्रिकइंफो के टाइम आउट पर कहा, ‘मुझे इस समय उनके लिए काफी दुख हो रहा है, क्योंकि वह अपने बल्लेबाजी क्रम या अपने दृष्टिकोण में कोई बदलाव नहीं कर रहे हैं। ‘मुझे लगता है कि वह चीजों को जिस तरह से करना चाहते हैं, उसे लेकर काफी जिद्दी हैं। यह फिलहाल उनके पक्ष में काम नहीं कर रहा है। ईमानदारी से कहूं तो इस खेल में ऐसा होता है और वह बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहे हैं।’

अंबाती रायुडू ने कहा, ‘यह किसी के साथ भी हो सकता है। मैं बस यही उम्मीद करता हूं कि वह इस सीख को लें और इसमें सुधार करें और और भी ज्यादा जिद्दी न बनें, लेकिन बस इस तथ्य को स्वीकार करें कि वह संघर्ष कर रहे हैं और चीजों को थोड़ा अलग तरीके से करना शुरू करें और हर दिन बेहतर होने की कोशिश करें। आप बस इतना ही कर सकते हैं।’

व्हाइट बॉल में बतौर ओपनर सफल: अंबाती रायुडू

अंबाती रायुडू ने कहा, ‘मुझे लगता है कि किसी भी चीज से ज्यादा यह जानना अधिक जरूरी है कि वह क्या करना चाहते हैं। मेरे हिसाब से ऋषभ पंत व्हाइट बॉल (सफेद गेंद) क्रिकेट में बतौर ओपनर सफल रहेंगे, क्योंकि मध्यक्रम में वह बहुत बढ़िया नहीं रहे हैं। मुझे पता है कि उन्हें मध्यक्रम में खेलना पसंद है, लेकिन इस नंबर के लिए उनके पास जरूरी बल्लेबाजी या कौशल नहीं है। हो सकता है कि उनके पास कौशल हो, लेकिन उसे लागू करने की मानसिकता नहीं है।’