ऋषभ पंत दो साल पहले सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बचे थे। जब वह अस्पताल के बिस्तर पर दर्द और मानसिक परेशानियों से जूझ रहे थे, तो उनके लखनऊ सुपरजायंट्स के साथी निकोलस पूरन नियमित रूप संदेश भेजते थे। तब दोनों साथी नहीं थे, लेकिन वह पंत के मानसिक स्थिति को समझ सकते थे। पूरन ने पंत को लेकर कहा था, “यह बहुत चुनौतीपूर्ण है। यह ऐसा है जिसे कोई नहीं समझता। आप बहुत डिप्रेस्ड और निराश होते हैं।”

आईपीएल 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स के लिए शानदार प्रदर्शन कर रहे पूरन दस साल पहले पंत की तरह सड़क दुर्घटना में बाल-बाल बचे थे। डॉक्टर्स ने कह दिया था कि पूरन कभी क्रिकेट खेलना तो दूर दौड़ भी नहीं पाएंगे। इसके बाद वेस्टइंडीज के दिग्गज खिलाड़ी कीरोन पोलार्ड उनके संपर्क में आए और चमत्कार हो गया।

कैसे हुआ था पूरन का एक्सीडेंट

घर के पास हाईवे पर पूरन का भी पंत की तरह एक्सीडेंट हुआ था। वह सिर्फ 19 साल के थे। अंडर-19 वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन के बाद चर्चा में थे। वह बालमेन के ट्रेनिंग सेंटर से कोउवा अपने घर जा रहे थे। उन्होंने अपनी कार को साइड किया ताकि उनके बगल की कार दूसरी कार को ओवरटेक कर सके। इस दौरान उनकी कार रेत के ढेर से टकरा गई। उनकी कार सड़क पर आई तो दूसरी कार ने उन्हें टक्कर मार दी।

पूरन ने क्या बताया

पूरन ने सालों बाद डेली मेल को इस घटना के बारे में बताते हुए कहा, “मैं जब उठा तो कार की हालत खराब हो गई थी। फिर एम्बुलेंस आई। मैं बहुत दर्द में था। मैं बस चाहता था कि वे मुझे बेहोश कर दें।” होश आने पर वह अस्पताल में थे। उन्होंने अपने पैर हिलाने की कोशिश की। वह नहीं हिला सके। पैर भारी प्लास्टर में लिपटे हुए थे। उन्होंने कहा, “वे सुन्न हो गए थे। मैं उन्हें बिल्कुल भी महसूस नहीं कर पा रहा था। मैं अस्पताल में 12 दिनों तक पेन किलर लेता रहा।”

डॉक्टर ने क्या कहा?

पूरन ने एक दिन डॉक्टर से पूछा कि क्या वह फिर से क्रिकेट खेल सकते हैं। डॉक्टर के गंभीर चेहरे से उन्हें अपना जवाब मिल गया। उन्होंने पूछा कि क्या वह फिर से दौड़ पाएंगे? जवाब आया, “शायद।” उनका दिल बैठ गया। उन्होंने पूछा कि क्या वह फिर से चल सकेंगे? डॉक्टर ने कहा, “हां, लेकिन बाएं पैर को पूरी तरह से मोड़ नहीं पाएंगे।” वह जानता थे कि खेलते वक्त पैर मोड़ना पड़ेगा। वह विकेटकीपर भी थाे (अपने आदर्श एमएस धोनी की तरह)। उनपर पहाड़ टूट पड़ा था।

पूरन की जीवन के सबसे कठिन छह महीने

पूरन को दो बार सर्जरी करानी पड़ी। 15 दिन बाद उन्हें व्हीलचेयर पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। वह छह महीने तक व्हीलचेयर पर रहे। पूरन इसे लेकर कहते हैं, “यह जीवन के सबसे कठिन छह महीने थे, लेकिन इसने मुझे एक बेहतर इंसान बना दिया।” इस फेज ने उन्हें जीवन के बारे में बताया। उन्होंने त्रिनिदाद गार्डियन से कहा था, “मैंने असफलताओं को भी सफलता की तरह ही धैर्य से लेना सीखा है, जीवन में किसी भी चीज को हल्के में नहीं लेना सीखा।” इससे उन्हें अपनी गर्लफ्रेंड एलिसा की और भी ज्यादा कद्र होने लगी, जिनसे उन्होंने बाद में शादी कर ली। वह भगवान से डरने लगे। उन्होंने कहा, “मैंने थोड़ा ज्यादा प्रार्थना करना शुरू कर दिया, थोड़ा ज्यादा विश्वास करना शुरू कर दिया, हर दिन को गुजारने की ताकत मांगने लगा।”

“फरिश्ते” की तरह कीरोन पोलार्ड आए

रिकवरी के आखिरी फेज में उन्होंने आत्मनिर्भर होना भी सीखा। एक दिन बोर्ड ने अचानक उनके इलाज के लिए पैसे देना बंद कर दिया। हालांकि, उन्होंने उन्हें फिजियोथेरेपिस्ट मुहैया कराया। फिर एक “फरिश्ते” की तरह कीरोन पोलार्ड उनके जीवन में आए। वेस्टइंडीज का दिग्गज ऑलराउंडर भी घुटने की चोट से उबर रहे थे। एक बार जब वे दोनों पैरों पर खड़े होने लायक हो गए तो उन्होंने साथ में लंबी सैर करना शुरू कर दिया। फिर दौड़ने और जिम जाने लगे।

दुर्घटना के एक साल बाद पूरन ने बांग्लादेश प्रीमियर लीग में हिस्सा लिया

बाद में पोलार्ड ने पूरन को इनसिग्निया स्पोर्ट्स के सबसे पावरफुल स्पोर्ट्स एजेंट में से एक एडी टोलचार्ड से मिलवाया। दुर्घटना के एक साल बाद पूरन ने बांग्लादेश प्रीमियर लीग में हिस्सा लिया। क्रिकेट बोर्ड ने उन पर छह महीने का प्रतिबंध लगा दिया। लेकिन पूरन का दृढ़ विश्वास कायम रहा। उन्होंने कहा, “आपको अपनी प्रतिभा पर विश्वास करना होगा और काम करते रहना होगा।”