इंडियन प्रीमियर लीग 2023 (IPL 2023) में कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR)के लिए रिंकू सिंह ने बेहतरीन क्रिकेट खेला। गुजरात टाइटंस (GT) के खिलाफ यश दयाल को आखिरी ओवर में 5 छक्के जड़कर वह सुर्खियों में आए और इसके बाद छा गए। मिडिल ओवर्स में वह कोलकाता के बैकबोन रहे। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अलीगढ़ के इस युवा क्रिकेटर ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात में आईपीएल के दो महीने के अनुभव के बात की। उन्होंने कहा कि पांच छक्कों से पहले बहुत कम लोग जानते थे। इसके से बाद हर कोई जानता है। ये फेम कुछ समय का वाह वाह करने वाले लोग फेल होने पर गाली भी देंगे। रिंकू ने यह बात कहकर जमाने की कड़वी सच्चाई बता दी।

रिंकू सिंह को लोअर ऑर्डर में खेलने का अनुभव

लोअर ऑर्डर में आपकी बल्लेबाजी देखकर लोग कहते हैं कि आपको ऐसी परिस्थितिओं का अंदाजा है? रिंकू ने इसका जवाब देते हुए कहा, “मैं यूपी के लिए खेलता हूं और वहां भी मैं नंबर पांच या छह पर बल्लेबाजी करता हूं। मैं उस जगह पर खेलने का आदी हूं। नेट्स पर मैच सिमुलेशन किया जाता है और उसमें मैंने खूब अभ्यास किया है।”

रिंकू सिंह के शानदार प्रदर्शन का राज कड़ी मेहनत

रिंकू सिंह ने शानदार प्रदर्शन का राज कड़ी मेहनत बताते हुए कहा, “किसी ने मेरी मेहनत नहीं देखी और सबने सिर्फ मेरी सफलता देखी। मैं ऐसे बैकग्राउंड से आता हूं जहां मेरे जीवन में कुछ भी नहीं था। मैं एक गरीब परिवार से आता हूं। मैंने पढ़ाई नहीं की है और मेरी कई क्वालिफिकेशन नहीं है। मेरी मां ने मुझे स्वीपर का काम करने के लिए कहा ताकि मैं अपने परिवार के लिए कुछ पैसे कमा सकूं। केवल एक चीज जो मुझे इस हालात से बाहर निकाल सकती थी वह क्रिकेट थी और मैं इसके लिए कितनी भी मेहनत करने को तैयार था। बहुत से लोगों ने समय-समय पर मेरी मदद की। केकेआर मेरे पीछे खड़ा रहा, यही कारण है कि मैं आज यहां हूं।”

रिंकू सिंह के मानसिक रूप से मजबूती का राज

रिंकू सिंह ने मानसिक रूप से मजबूती के बारे में बताया, “चोट के बाद के समय ने मुझे मानसिक रूप से मजबूत बना दिया। तीन साल पहले मेरे घुटने का ऑपरेशन हुआ था और मैं तीन महीने बिस्तर पर पड़ा रहा। मैं अपने पैरों को दो महीने से अधिक समय तक नीचे नहीं रख सका। लंगड़ाते चलता था। मेरे लिए सबसे बड़ा काम बाथरूम जाना था जो पहली मंजिल पर था, मुझे सीढ़ियां चढ़नी पड़ती थी। केवल मैं ही जानता हूं कि मैं किस दौर से गुजरा हूं। इसने मुझे कठोर बना दिया। मन में विचार आता था कि आगे क्या होगा? सात महीने का अंतराल एक लंबी अवधि है। कहीं सब भूल तो नहीं जाएंगे? मैं मानसिक रूप से मजबूत था और मुझे पता था कि मैं वापसी करूंगा।”

लोग फेल होने पर गाली देंगे

रिंकू ने इस सीजन में अपनी सफलता का राज खोलते हुए कहा, ” मैं वैसे ही बल्लेबाजी कर रहा था, उन पांच छक्कों ने मेरी जिंदगी बदल दी। पहले मुझे कम ही लोग जानते थे, लेकिन अब उन पांच छक्कों के बाद हर कोई मुझे जानता है। लोग अब रिंकू-रिंकू के नारे लगाते हैं। अचानक रातोंरात हालात बदल गए, लेकिन मुझे पता है कि मैं कहां से आया हूं। ये दो मिनट की प्रसिद्धि है, ये लोग जो आज वाह-वाह कर रहे हैं, वही लोग कल फेल होने पर गली भी देंगे।”