Rajasthan Royals in IPL Auction 2023: इंडियन प्रीमियर लीग 2023 के ऑक्शन में राजस्थान रॉयल्स (RR) की टीम 13.2 करोड़ रुपये के साथ गई थी। तब उसके स्क्वाड में 16 खिलाड़ी थे, जिनमें 4 विदेशी खिलाड़ी शामिल हैं। आईपीएल (IPL) में किसी टीम के स्क्वाड में 18 खिलाड़ी होने चाहिए। इसके बाद भी उन्होंने हैरी ब्रूक (Harry Brook) को खरीदने के लिए 13 करोड़ की बोली लगा दी थी। हालांकि, सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया, जिसके पास पर्स में सबसे ज्यादा 42 करोड़ रुपये। ब्रूक को उसने 13.25 करोड़ रुपये में खरीदा।

राजस्थान रॉयल्स (RR) ने मिनी ऑक्शन में जेसन होल्डर (Jason Holder), एडम जंपा ( Adam Zampa), जो रूट (Joe Root) और Donovan Ferreira (Donovan Ferreira) समेत 9 खिलाड़ियों को खरीदा। अगर सनराइजर्स ने आगे बोली नहीं लगाई होती और हैरी ब्रूक (Harry Brook) रॉयल्स में चले जाते तो क्या होता? टीम 20 लाख में किसी अनकैप्ड खिलाड़ी को खरीद करके स्क्वाड पूरा कर लेती। टीम में केवल 5 विदेशी खिलाड़ी होते। अब सवाल यह है कि क्या राजस्थान रॉयल्स (RR) की फ्रेंचाइजी को यह पता नहीं था वह पर्स की पूरी रकम एक खिलाड़ी के पीछे झोंकने वाली है? या उसने ऐसा जानबूझकर किया।

राजस्थान रॉयल्स की रणनीति (Rajasthan Royals Auction Strategy)

राजस्थान रॉयल्स (RR) की फ्रेंचाइजी ने ऐसा जनबूझकर किया। टीम कोच्चि सिर्फ एक खिलाड़ी को खरीदने के लिए पहुंची थी, लेकिन उसकी रणनीति पर पानी फिर गया। क्रिकबज की रिपोर्ट के अनुसार इसे लेकर राजस्थान रॉयल्स (RR) के हाई प्रफॉर्मेंस सेंटर के हेड रोमी भिंडर ने कहा, ” हम अपनी लिमिट के बारे में जानकारी थी और असल में हम सिर्फ एक खिलाड़ी को खरीदने के इरादे से कोच्चि गए थे। हमें पता था कि अगर हम ब्रूक को खरीद लेते हैं तो हमारे पास सिर्फ पांच विदेशी खिलाड़ी होते।”

सनराइजर्स हैदराबाद का बयान (SRH Statement)

सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) की टीम चाहती तो राजस्थान रॉयल्स (RR) को हैरी ब्रूक को खरीदने देती। इससे संजू सैम,न की अगुआई वाली फ्रेंचाइजी का नुकसान होता, लेकिन उनका मानना है कि आईपीएल पदाधिकारी या नीलामीकर्ता को दखलदेना चाहिए था। सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के पदाधिकारी ने क्रिकबज से कहा, ” लीग के नियम के अनुसार राजस्थान रॉयल्स ऐसा कर सकती थी, लेकिन बीसीसीआई या नीलामीकर्ता को एक स्टेज के बाद उन्हें बताना चाहिए था कि वह एक ही खिलाड़ी पर अपना पूरा पैसा खर्च करने के करीब हैं।” उन्होंने कहा कि साउथ अफ्रीका लीग (South Africa league) में भी ऐसा हुआ था और वहां पदाधिकारियों ने इसमें दखल दिया था।