प्रत्युष राज। आकाश मधवाल चार साल पहले तक उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में टेनिस बॉल क्रिकेट खेला करते थे। उन्होंने 2019 में ट्रायल में हिस्सा लिया, तो उनपर उत्तराखंड के तत्कालीन कोच वसीम जाफर और वर्तमान कोच मनीष झा का ध्यान गया। टीम इंडिया से स्टार विकेटकीपर और दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान ऋषभ पंत के पड़ोसी आकाश 24 साल की उम्र तक लाल गेंद से नहीं खेले थे। अब वह उत्तराखंड राज्य क्रिकेट टीम से इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खेलने वाले पहले क्रिकेटर हैं। मुंबई इंडियंस (MI) में नई और पुरानी गेंद से गेंदबाजी करके स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की कमी पूरी करते नजर आ रहे हैं।

उत्तराखंड के हेड कोच मनीष झा ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “जब वह 2019 में ट्रायल्स के लिए आए थे तो हम सभी बहुत प्रभावित हुए थे। उनका एक्शन काफी स्मूथ है और वह तेज गेंद करते हैं। उनमें एक्स-फैक्टर था। वसीम भाई ने उन्हें उन्हें चुना और उ सैयद मुश्ताक अली में कर्नाटक के खिलाफ मैच में मौका दिया। वह कम तैयार दिख रहे थे। अगले साल कोविड के दौरान जब रणजी ट्रॉफी रद्द हो गई और मैंने मुख्य कोच का काम संभाला, तो मैंने उनसे कहा कि वह तीनों प्रारूपों में खेलेंगे, भले ही वह रनों के लिए जाएं। मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें सभी मैच खेलने का मौका मिलेगा।”

झा ने आगे कहा, “चूंकि उन्होंने काफी टेनिस बॉल क्रिकेट खेला था तो उनके पास गति थी, लेकिन सटीकता की उनमें कमी थी। वह अपनी गेंदबाजी के साथ काफी प्रयोग करते थे। मेरी एकमात्र चिंता यह थी कि अगर आप तेज और सीधी गेंदबाजी कर सकते हैं तो आप धीमी गेंदबाजी क्यों कर रहे हैं। धीरे-धीरे उन्हें यह समझ में आ गया कि हम उन्हें क्या बताने की कोशिश कर रहे है और आप परिणाम देख सकते हैं।”

सूर्यकुमार यादव की जगह टीम में हुए थे शामिल

पिछले साल सूर्यकुमार यादव के चोटिल होने पर माधवल को रिप्लेसमेंट के तौर पर मुंबई इंडियंस में शामिल किया गया था और अब वह रोहित शर्मा को विकेट दिलाने वाले गेंदबाज बन गए हैं, चाहे वह नई गेंद से हो या अंत के ओवरों में। पिछले हफ्ते उन्होंने डिफेंडिंग चैंपियन गुजरात टाइटंस के खिलाफ ऋद्धिमान साहा, शुभमन गिल और डेविड मिलर का विकेट लेकर नई गेंद से अपना हुनर दिखाया था। रविवार को करो या मरो मैच में उन्होंने डेथ ओवर्स में मुंबई इंडियंस को सफलता दिलाई। ऐसा लग रहा था कि सनराइजर्स हैदराबाद टीम 220 से अधिक के स्कोर बनाएगी। इसके बाद उन्होंने मुंबई की वापसी।

सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ शानदार गेंदबाजी

29 वर्षीय मधवाल ने सबसे पहले विवरांत शर्मा और मयंक अग्रवाल के बीच 140 रन की ओपनिंग पार्टनरशिप को तोड़ा। अपने अगले ओवर में उन्होंने अग्रवाल को आउट किया। अपने आखिरी ओवर शानदार गेंदबाजी की। फॉर्म में चल रहे हेनरिक क्लासेन को आउट करने के बाद उन्होंने हैरी ब्रूक का विकेट यॉर्कर पर लिया।

उत्तराखंड व्हाइट-बॉल टीम के कप्तान

इस साल के घरेलू सत्र से पहले मधवाल को उत्तराखंड व्हाइट-बॉल टीम का कप्तान बनाया गया था। यह बताता कि कितने कम समय में उन्होंने सुधार किया है। मनीष झा ने बताया, “सभी एथलीट मेहनती होते हैं, लेकिन फर्क टेंपरामेंट का होता है। पिछले साल, जब मैंने उन्हें सफेद गेंद का कप्तान बनाया, तो उन्होंने आगे बढ़कर बहुत अच्छा काम किया। आईपीएल में आप देख सकते हैं कि वह नई गेंद से गेंदबाजी करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाफ और अब सनराइजर्स के खिलाफ डेथ बॉल में असाधारण रूप से नई गेंद का इस्तेमाल किया। उन्हें आईपीएल में अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखना काफी अच्छा है। वह उत्तराखंड के युवाओं के लिए एक रोल मॉडल बनेंगे।”

ऋषभ पंत के पड़ोसी

रुड़की के ढंडेरा के रहने वाले मधवाल, ऋषभ पंत के पड़ोसी हैं और उन्होंने क्रिकेट में गहरी दिलचस्पी दिखाने से पहले अपनी इंजीनियरिंग पूरी की थी। उन्होंने अवतार सिंह के अंडर में क्रिकेट के गुर सीखे जिन्होंने पंत को दिल्ली जाने से पहले ट्रेनिंग दी थी। अवतार ने कहा, “आकाश का घर ऋषभ के सामने है। वे पड़ोसी हैं। स्वर्गीय तारक सिन्हा सर के प्रशिक्षण के लिए दिल्ली जाने से पहले ऋषभ मेरे अंडर में खेल चुके हैं।”

शौक के तौर पर क्रिकेट खेलते थे

मधवाल के पिता सेना में थे और 2013 में एक हादसे में उनकी मौत हो गई थी। अवतार सिंह ने कहा, “मधवाल अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहे थे। इंजीनियरिंग कर रहे थे और केवल शौक के तौर पर क्रिकेट खेलते थे। चूंकि उत्तराखंड रणजी ट्रॉफी में नहीं खेल रहा था, इसलिए उनका मुख्य ध्यान टेनिस बॉल क्रिकेट पर था। टेनिस बॉल क्रिकेट टूर्नामेंट में उनकी तूती बोलती थी।”