आइपीएल के 13वें सत्र में आधे से ज्यादा मुकाबलों का आयोजन हो चुका है। धीमी शुरुआत के बाद रफ्तार पकड़ने में माहिर मुंबई इंडियंस अंक तालिका में शीर्ष पर है। उसके बाद दिल्ली कैपिटल्स है। तीसरे स्थान पर रॉयल चैलेंजर्स बंगलुरु है। वैश्विक लीग के इस सत्र में कुछ खास टीमों का प्रदर्शन बेहतर और कुछ का बेहद खराब रहा है। सालों तक बहुत अच्छा नहीं कर पाने वाली दिल्ली और बंगलुरु का खेल अब तक काफी प्रभावी रहा है। वहीं लीग के इतिहास में शानदार प्रदर्शन करने वाली चेन्नई सुपरकिंग्स इस सत्र में छठे पायदान पर है। समझते हैं मुंबई की जीत का राज…

दरअसल, मुंबई को शुरू से ही हार के बाद जीत की झड़ी लगाने के लिए जाना जाता है। वह लीग के शुरुआती मैचों में हारती है लेकिन जैसे-जैसे सत्र आगे बढ़ता है उसका प्रदर्शन निखरता जाता है। 13वें सत्र में भी वह सात मैचों में से पांच में जीत दर्ज कर चुकी है। दो मैच जो उसने हारे हैं वह शुरुआती तीन मैचों का हिस्सा हैं। इसके साथ ही उसने एक और रेकार्ड अपने नाम कर लिया है। वह एकमात्र टीम है जिसने विरोधियों के खिलाफ 50 फीसद से ज्यादा मैच जीते हैं। इसका पूरा श्रेय भी उसके खिलाड़ियों और कप्तान को जाता है।

एक तरफ उसके पास रोहित शर्मा और क्विंटन डिकॉक जैसे शानदार सलामी बल्लेबाज हैं तो दूसरी तरफ मध्यक्रम में हार्दिक पंड्या, क्रुनाल पंड्या और किरेन पोलार्ड जैसे धाकड़ हरफनमौला। उसके गेंदबाजी आक्रमण का भी विपक्षी टीमों के पास कोई जवाब नहीं है। तेज आक्रमण की टोली में ट्रेंट बोल्ट, जसप्रीत बुमराह और जेम्स पैटिंसन जैसे सितारे हैं तो फिरकी गेंदबाजों में क्रुणाल और राहुल चाहर गेंदबाजी का जलवा बिखेर रहे हैं। इस टीम का क्षेत्ररक्षण भी काफी मजबूत है। आंकड़ों को देखें तो मुंबई ने हर मैच में शानदार क्षेरत्रक्षकों के दम पर सात रन बचाए हैं। वहीं इस मामले में अन्य टीमें काफी पीछे हैं।

अंक तालिका में दूसरे स्थान पर काबिज दिल्ली क्षेत्ररक्षण के मामले में फिसड्डी है। उसने हर मैच में करीब छह रन गंवाए हैं। बंगलुरु हालांकि विराट कोहली जैसे फिट कप्तान के नेतृत्व में बेहतर है और उसने हर मैच में 2.5 रन बचाए हैं। रन बचाने के मामले में कोलकाता दूसरे नंबर पर है। उसने 3.5 रन बचाए। इन आंकड़ों से समझा जा सकता है कि मुंबई के शीर्ष पर बने रहने के पीछे क्या राज है।

रोहित के नेतृत्व की बात करें तो आइपीएल के इतिहास के सबसे सफल कप्तान के तौर पर उनका नाम लिया जाता है। उन्होंने कप्तान के तौर पर कुल 111 मैच खेले और उसमें से 67 में जीत हासिल की है। वहीं कैप्टन कूल यानी चेन्नई के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 181 मुकाबलों में कप्तानी की और 106 में जीत हासिल की। धोनी के जीत का आंकड़ा भले ही बड़ा है लेकिन जीत फीसद पर ध्यान दें तो रोहित आगे हैं। उन्होंने अपनी कप्तानी में 60.30 फीसद के करीब मैच जीते तो धोनी 58.50 के करीब। मुंबई की जीत का सेहरा भले ही कप्तान के सिर बंधता हो लेकिन आंकड़ों के विश्लेषण से साफ हो जाता है कि टीम के हर विभाग का प्रदर्शन लाजवाब है और यहीं कारण है कि वह आइपीएल की अन्य टीमों पर भारी है।