चेन्नई सुपरकिंग्स के सीईओ काशी विश्वनाथ ने खुलासा किया है कि महेंद्र सिंह धोनी ने ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वॉटसन की योग्यता से संतुष्ट थे जब फरवरी में आईपीएल की नीलामी के दौरान टीम मैनेजमेंट और कप्तान के बीच चर्चा चल रही थी। दो बार के चैंपियन ने वॉटसन को बड़ी राशि 4 करोड़ में खरीदकर सबको भौंहें चढ़ाने पर मजबूर कर दिया। जो रूट और हासिम अमला जैसे खिलाड़ी नहीं बिक पाए, लेकिन चेन्नई सुपरकिंग्स ने ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर के लिए बोली लगाई। वॉटसन 2017 के आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के साथ थे। वॉटसन पिछले कुछ समय से फॉर्म में थे, इसलिए चेन्नई को उनका सौदा करना ठीक लगा। विश्वनाथ ने मीडिया को बताया- ”हमें उनकी एक ऑलराउंडर के तौर पर क्षमता पता थी। किसी के साथ भी एक सीजन खराब हो सकता है। हमने अपने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी से वॉटसन को टीम में लेने के लिए चर्चा की और धोनी खुश थे।

विश्वनाथ ने आगे कहा- ”हमने महसूस किया कि वॉटसन के पास अब भी बहुत कुछ देने का दमखम है।” उन्होंने कहा- ”जब हमें पता चला कि वह फिट हैं और बिग बैश लीग में अच्छा कर रहे हैं तो हमने उन्हें टीम में लेने का मन बना लिया। वह अभी चल रही पाकिस्तान क्रिकेट लीग में भी लोगों की नजर में हैं। वह जिस तरह से अपने खेल में निखार ला रहे हैं उसे देखते हुए हम खुश हैं।” विश्वनाथ ने कहा- ”हमारे पास पहले जिस तरह के ऑलराउंडर थे, उनमें वॉटसन फिट बैठते हैं। वॉटसन बल्ले के साथ एकदम रमे हुए हैं। वह ओपन कर सकते हैं और किसी भी क्रम पर खेल सकते हैं। यह हमारा सचेत प्रयास था कि टीम में ऐसा खिलाड़ी ले आए।”

वॉटसन यह स्वीकार कर चुके हैं कि 2017 में आरसीबी के साथ उनका खराब अनुभव रहा। वह विराट कोहली की अनुपस्थिति में खेले और आठ मैचों में केवल 71 रन बनाने में सफल हुए। आरसीबी ने भी वॉटसन को रिटेन करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। हालांकि 2017/18 में वॉटसन ने ऑस्ट्रेलिया की बिग बैश लीग में 10 मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुए 331 रन बनाए। अब सभी की निगाहें इसी पर हैं कि वॉटसन धोनी की उम्मीदों पर कितना खरा उतरते हैं।