भारतीय टीम ने कई मौके गंवाये जिसकी वजह से इंटरकॉन्टिनेंटल कप फुटबॉल टूर्नामेंट में बृहस्पतिवार को लेबनान के खिलाफ गोलरहित ड्रॉ से संतोष करना पड़ा । अंतिम एकादश में आमूलचूल बदलाव की अपनी नीति पर कायम रहते हुए मुख्य कोच इगोर स्टिमक ने सुनील छेत्री और गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू समेत कई सीनियर खिलाड़ियों को बाहर रखा । डिफेंडर संदेश झिंगन ने छेत्री की गैर मौजूदगी में कप्तानी की । दोनों टीमें पहले ही फाइनल में पहुंच चुकी है लिहाजा यह मैच औपचारिकता का ही था ।

दोनों हाफ में नहीं हो पाया एक भी गोल

मंगोलिया और वानुआतू पहले ही बाहर हो चुकी हैं । मैच में 82वें मिनट में उतरे छेत्री को अनिरूद्ध थापा ने गेंद दी लेकिन वह गोल नहीं कर पाये । भारत को पांचवें मिनट में भी गोल करने का मौका मिला जब लालियांजुआला छांगटे ने थापा को गेंद सौंपी और सामने सिर्फ विरोधी गोलकीपर था । वह हालांकि सटीक निशाना नहीं लगा सके । मैच के 20वें मिनट में आशिक कुरूनियान ने मौका गंवाया । दूसरे हाफ में भी स्थिति यही रही और दोनों टीमें गोल करने में नाकाम रही।

भारत के लिए अहम था यह मैच

भारत के लिये यह मैच अहम था क्योंकि लेबनान की रैंकिंग 99 है और भारत 101वें स्थान पर है । इस मैच में जीत से भारत शीर्ष सौ में पहुंच जाता । पिछली बार 2018 में इंटर कॉन्टिनेंटल कप में जीत के बाद भारतीय टीम शीर्ष सौ में पहुंची थी। भारत ने अपनी सर्वश्रेष्ठ फीफा रैंकिंग फरवरी 1996 में हासिल की थी जब बाईचुंग भूटिया और आई एम विजयन टीम का हिस्सा थे।

वानुआतु ने इंटरकॉन्टिनेंटल कप फुटबॉल के अपने आखिरी राउंड रोबिन मैच में गुरुवार को मंगोलिया पर 1-0 की जीत के साथ सकारात्मक तरीके से अपना अभियान खत्म किया। कलिंगा स्टेडियम में मैच के दूसरे हाफ की शुरुआत में वानुआतु के खिलाड़ियों से गोल बचाने के क्रम में मंगोलिया के गंटुया गंटोगतोख आत्मघाती गोल कर बैठे।