भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रविवार यानी 26 सितंबर को खेले गए मैके स्थित हाररुप पार्क में खेले गए वनडे इंटरनेशनल मैच में ऑस्ट्रेलिया को दो विकेट से हरा दिया। हालांकि, शुरुआती दोनों मुकाबले हार जाने के कारण टीम इंडिया ने 1-2 के अंतर से सीरीज गंवा दी। मौजूदा सीरीज के दूसरे वनडे में नो बॉल के कारण आलोचना झेलने वाली भारत की अनुभवी गेंदबाज झूलन गोस्वामी प्लेयर ऑफ द मैच चुनी गईं।
उन्होंने इस मैच में 600 विकेटों का आंकड़ा भी छुआ। झूलन 600 विकेट लेने वाली दुनिया की पहली महिला क्रिकेटर हैं। झूलन गोस्वामी ने ऑस्ट्रेलिया की कप्तान मेग लैनिंग को शून्य पर पवेलियन भेजने के साथ ही करियर में 600 विकेट लेने की उपलब्धि हासिल की।
38 साल की झूलन गोस्वामी वनडे इंटनरेशनल में भी सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली महिला गेंदबाज हैं। वह वनडे इंटरनेशनल में अब तक 240 विकेट ले चुकी हैं। वह वनडे इंटरनेशनल में 200 से ज्यादा विकेट लेने वाली दुनिया की इकलौती महिला क्रिकेटर हैं। झूलन ने अपने 192वें वनडे मैच में 10 ओवर में 37 रन देकर 3 विकेट झटके।
झूलन गोस्वामी के अब वनडे इंटरनेशनल में 21.59 के औसत से 240 विकेट हो गए हैं। उन्होंने 11 टेस्ट में 17.63 के औसत से 41 और 68 टी20 इंटरनेशनल मैच में 56 विकेट लिए हैं। इस तरह उनके 337 अंतरराष्ट्रीय विकेट हैं। घरेलू सर्किट में उनके नाम 264 विकेट हैं। उन्होंने 2018 में टी20 इंटरनेशनल से संन्यास ले लिया था।
तीसरे वनडे में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीता और बल्लेबाजी का फैसला किया। हालांकि, भारत की कसी हुई गेंदबाजी के कारण वह 50 ओवर में 9 विकेट पर 264 रन ही बना पाई। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम ने 49.3 ओवर में 8 विकेट पर 266 रन बना मैच जीत लिया।
भारत की ओर से शैफाली वर्मा और यशिका भाटिया ने अर्धशतक लगाए। शैफाली ने 7 चौके की मदद से 91 गेंद में 56 और यशिका ने 9 चौके की मदद से 69 गेंद में 64 रन की पारियां खेलीं।
निचले क्रम में बल्लेबाजी करने आईं दीप्ति शर्मा ने 3 चौके की मदद से 30 गेंद में 31 और स्नेह राणा ने 5 चौके की मदद से 27 गेंद में 30 रन बनाए। झूलन गोस्वामी 8 और मेघना सिंह 2 रन बनाकर नाबाद रहीं। स्मृति मंधाना ने 22 और कप्तान मिताली राज ने 16 रनों का योगदान दिया।
पिछले मैच में आखिरी ओवर में 2 नोबॉल फेंकने के कारण झूलन गोस्वामी बनी थीं विलेन
खास यह है कि भारत ने जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरा वनडे गंवा दिया था तब झूलन को ही हार का जिम्मेदार ठहराया जा रहा था। उस मैच में झूलन आखिरी ओवर में दबाव झेलने में नाकाम रहीं थीं। उन्होंने 50वें ओवर में दो नो बॉल फेंकी। ऑस्ट्रेलिया को उस मैच में जीत के लिए 275 रन बनाने थे। शुरुआती 25 ओवर तक ऑस्ट्रेलियाई टीम काफी दबाव में थी।
आखिरी ओवर में ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए 13 रन की जरूरत थी। गेंद झूलन के हाथ में थी। मैच की आखिरी गेंद पर उसे जीत के लिए 3 रन चाहिए थे। बेथ मूनी कोई रन नहीं ले पाईं, भारतीय टीम जीत का जश्न मनाने लगी, लेकिन तभी थर्ड अंपायर ने झूलन की उस गेंद को नोबॉल करार दे दिया। इसके बाद अगली गेंद पर बेथ मूनी ने 2 रन लेकर अपनी टीम को जीत दिला दी।