World Wrestling Championship: वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप 2022 10 से 18 सितंबर के बीच सर्बिया के बेलग्रेड में होनी है। सोमवार यानी 29 अगस्त 2022 को भारतीय महिला टीम की घोषणा की गई। इसके लिए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) के साई सेंटर में सोमवार को ही ट्रायल हुए। हालांकि, ट्रायल के दौरान कुछ ऐसा देखने को मिला, जिसे देखकर सभी हैरान थे। विश्व चैंपियनशिप में 59 किग्रा भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहलवान को तय करने के लिए मुकाबला शुरू हुआ, लेकिन 54 सेकंड बाद ही इसे रोक दिया गया।

मुकाबला रोकने के पीछे किसी पहलवान का चोटिल होना या तकनीकी खराबी नहीं थी, बल्कि भाजपा सांसद और रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने रेफरी को ऐसा करने का आदेश दिया था। दरअसल, इस ट्रायल प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि अयोध्या (Ayodhya) के हनुमान गढ़ी मठ के संत (Seer) थे। डब्ल्यूएफआई (Wrestling Federation of India) विनर-टेक-ऑल बाउट की शुरुआत से पहले मैट पर दोनों पहलवानों को आशीर्वाद देने के लिए उन्हें आमंत्रित करना भूल गया था।

यही वजह थी कि पूर्व में विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत चुकीं पूजा ढांडा और उनकी युवा विपक्षी मानसी को मुकाबले को अचानक रोकना पड़ा, क्योंकि बृजभूषण शरण सिंह ने रेफरी को ऐसा करने का आदेश दिया था, ताकि संत दोनों खिलाड़ियों को आशीर्वाद दें और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाएं।

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मुख्य अतिथि अयोध्या के संतों और बृजभूषण शरण सिंह के साथ विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई करने वाले पहलवान। (इंडियन एक्सप्रेस फोटो)

बृजभूषण शरण सिंह हाथ में माइक्रोफोन लिए चटाई के बगल में सोफे पर थे। वह अपनी मर्जी से कार्यवाही को नियंत्रित कर रहे थे। यहां तक कि वह संतों को भी निर्देश देते दिखे। ब्रजभूषण शरण सिंह ने संतों से कहा, ‘ज्यादा समय मत लें। मुकाबला शुरू हो चुका है और पहलवानों वार्म-अप हैं। तो आशीर्वाद दीजिये और जल्दी आ जाइए।’

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खिलाड़ियों को आशीर्वाद देने के लिए आयोजक संतो को मैट पर बुलाना भूल गए और मुकाबला शुरू हो गया। हालांकि, 54 सेकंड बाद ही उसे रोक दिया गया और संतों के आशीर्वाद देने के बाद ही शुरू किया गया। (इंडियन एक्सप्रेस फोटो)

वैसे देश में कुश्ती के मुकाबलों के दौरान इस तरह के दृश्य असामान्य नहीं हैं। ब्रजभूषण सिंह को जहां समझ में आता है वह मुकाबलों को शुरू और रोक देते हैं। इस तरह के चयन परीक्षणों से झगड़े और विवाद कभी भी बहुत दूर नहीं होते हैं। सोमवार को जब आधा दर्जन संतों ने पहलवानों के साथ अपनी तस्वीरें खिंचवा लीं, उसके कुछ मिनटों बाद रेसलर्स मैट पर लौटीं। मानसी ने एक तनावपूर्ण मैच में अपने अनुभवी प्रतिद्वंद्वी को 2-0 से हरा दिया।

मानसी अगले महीने बेलग्रेड में होने वाली विश्व चैंपियनशिप के लिए भारतीय टीम का हिस्सा होंगी। विश्व चैंपियनशिप में कॉमनवेल्थ गेम्स चैंपियन और पूर्व पदक विजेता विनेश फोगट भी होंगी। बर्मिंघम में पोडियम में शीर्ष पर रहने वाली और रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने ट्रायल्स में हिस्सा नहीं लिया।

Vinesh Phogat defeated Antim Panghal to qualify in 53kg category
विनेश फोगट ने अंतिम पंघाल को हराकर 53 किग्रा वर्ग में क्वालिफाई किया। (सोर्स- इंडियन एक्सप्रेस फोटो)

ब्रजभूषण शरण सिंह ने खिलाड़ियों को संतों का आशीर्वाद दिलाने से पहले एक और मैच रोक दिया था, क्योंकि उन्हें लगा कि ऑफिशियल ने गलत फैसला लिया है। हालांकि, वीडियो रिव्यू के लिए मजबूर करने के बाद रेफरी अपने फैसले पर अड़े रहे और ब्रजभूषण शरण सिंह को नरम पड़ना पड़ा।

सभी मुकाबलों के पूरा होने और महिला टीम के फाइनल होने के बाद, 65 वर्षीय ब्रजभूषण शरण सिंह ने सभी पहलवानों को अपने सामने तीन पंक्तियों में चटाई पर बैठाया और कोचों को टिप्स देते हुए उनमें से कुछ में तकनीकी खामियों की ओर इशारा किया। इतना ही नहीं, उन्होंने एक नई गाइडलाइन भी रखी।

उन्होंने पहलवानों से कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि आप सभी सरकार, साई और महासंघ की हर उस चीज के लिए प्रशंसा करेंगे जो वे आपके लिए कर रहे हैं। हम हर तरह से आपका समर्थन कर रहे हैं, इसलिए यह बहुत बड़ी मांग नहीं है और अगर कोई बाधा है, तो मुझे बताएं और मैं सुनिश्चित करूंगा कि इसका ध्यान रखा जाए।’