भारतीय महिला टीम के लिए बांग्लादेश का दौरा एक बुरी याद बनता दिख रहा है। टी20 सीरीज के आखिरी मुकाबले में टीम को हार मिली वहीं पहले वनडे में मेजबान बांग्लादेश ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। एक अंतरिम कोच के साथ बांग्लादेश पहुंची टीम इंडिया के प्रदर्शन में आई गिरावट को लेकर पूर्व कप्तान अंजुम चोपड़ा ने जनसत्ता से बात की। दिग्गज खिलाड़ी ने बताया कि टीम सही दिशा में नहीं जा रही है।
सही दिशा में नहीं जा रही टीम इंडिया
अंजुम चोपड़ा से जब बांग्लादेश दौरे पर टीम इंडिया के प्रदर्शन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, ‘टीम में डायरेक्शन की कमी है। बल्लेबाजी कमजोर नजर आती है। बल्लेबाज वहीं है जो अब तक अच्छी बल्लेबाजी करते आए हैं। उनमें कोई बदलाव नहीं है लेकिन बॉलिंग लाइन अप पूरा बदला हुआ है। आप तेज गेंदबाज को लेकर गए हैं लेकिन उन्हें खिला नहीं रहे हैं, जब उन्हें मौका नहीं मिल रहा है तो जिम्मेदारी स्पिन गेंदबाजों पर आती है जहां केवल दीप्ति शर्मा नजर आती हैं। दो डेब्यू करने वाले खिलाड़ी भी हैं, मैं समझती हूं आपको मौका देना था लेकिन किसकी जगह? अंजलि सरवानीन बाहर बैठी हैं, मेघना सिंह बाहर बैठी है।’
भारत की बल्लेबाजी निराशाजनक
भारतीय टीम पहले वनडे मैच में 153 रन चेज नहीं कर पाई थीं वहीं टी20 सीरीज में भी उनका स्कोर बड़ी मुश्किल से 100 के पार पहुंच रहा था। स्मृति मांधना और हरमनप्रीत कौर जैसे अनुभवी बल्लेबाजों के बावजूद टीम की यह हालत अंजुम चोपड़ा को हैरान कर रही है। उन्होंने कहा, ‘बांग्लादेश ने अच्छा क्रिकेट खेला खासतौर पर उनकी कप्तान ने लेकिन फिर भी कैसी भी कंडीशन हो आपसे 150 रन चेज नहीं हो रहे हैं। आप टी20 में रन नहीं बना पा रहे हैं। हमारे बल्लेबाज तो ज्यादा अनुभवी हैं। एडजस्टमेंट कौन करेगा और कब करेगा।’
बांग्लादेश के खिलाफ जीतने में छूटे पसीने
उन्होंने आगे कहा, ‘भारत के लिए इस जीतना भी मुश्किल हो रहा है। अगला मैच जब होगा तो जीतना आसान नहीं होगा। ऐसा नहीं है कि टीम इंडिया जीत नहीं सकत है लेकिन मैं यह देखती हूं कि जीत कैसे रही है। महिला प्रीमियर लीग के बाद यह पहला टूर्नामेंट है। खिलाड़ियों ने प्रोफेशनल क्रिकेट नहीं खेला लेकिन लगातार ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया। कुछ ऐसा हो जो कि मिसिंग है।’
ड्रेसिंग रूम में हर दौरे पर होता है नया चेहरा
भारतीय टीम इस दौरे पर भी एक अंतरिम कोच के साथ गई है। टीम के पास लंबे समय से हेड कोच नहीं है लेकिन अंजुम चोपड़ा इसे टीम के खराब प्रदर्शन का कारण नहीं मान रही हैं। उन्होंने कहा, ‘हेड कोच के न होने का थोड़ा बहुत फर्क पड़ता है। आप हर रोज ड्रेसिंग रूम में एक नया चेहरा देख रहे हैं, हर नया चेहरा एक अलग तरीके से टीम को चीयर करता है, अलग तरह से डायरेक्शन देता है। इसलिए कोच के बदलते रहने का फर्क पड़ता है लेकिन वह चीजें खिलाड़ी के हाथ में नहीं है। खिलाड़ी ऐसा नहीं सोच सकता कि हमारे पास एक सॉलिड कोच नहीं हैं जो कि लंबे समय तक उनके साथ रहे क्योंकि जब कोच था तब भी प्रदर्शन ऊपर-नीचे हो रहा था। तो कोच के होने न होने को खिलाड़ियों के प्रदर्शन से अलग रखना होगा। अगर मेरा काम मैदान पर जाकर रन बनाना है तो इससे बात से फर्क नहीं पड़ता कि ड्रेसिंग रूम में कौन कोच है।’
