Indian Grand Master SL Narayanan Insulted In Germany: भारतीय ग्रैंड मास्टर एसएल नारायणन का जर्मनी में अपमान होने का मामला सामने आया है। एसएल नारायणन का कहना है कि रविवार 27 नवंबर को बुंदेसलीगा शतरंज लीग (Bundesliga Chess League) में खेलने के दौरान उन्हें प्लेइंग हॉल के बीच में नंगे पांव खड़ा किया गया। एसएल नारायणन ने ट्विटर और फेसबुक पर अपना दर्द साझा किया।

एसएल नारायणन ने ट्वीट (Tweet) में लिखा, ‘मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। मैं अगर चुप रहा तो खुद से और अन्य खिलाड़ियों से इंसाफ नहीं होगा जिनके साथ ऐसा ही अनुभव हुआ है।’ शतरंज लीग मैच के दौरान एसएल नारायणन को मेटल डिटेक्टर (Metal Detector) जांच के दौरान बीप (Beep) की आवाज आने के बाद जूते (Shoes) और मोजे (Shocks) उतारने पड़े। बाद में पता चला कि बीप की आवाज जमीन पर बिछे कारपेट (Carpet) के नीचे से आ रही थी।

एसएल नारायणन ने लिखा, ‘आज मैं अपमानित महसूस कर रहा हूं। मैंने आज बुंदेसलीगा में खेला। पहले दौर से पहले, मैं उन 5 खिलाड़ियों में से एक था जिन्हें आर्बिटर ने रैंडम चेकिंग के लिए चुना था। मेटल डिटेक्टर से जांच के दौरान बीप की आवाज आई। इस पर मुझे अपने जूते निकालने के लिए कहा गया और उन्होंने फिर से जांच की। फिर से बीच बजी। इसके बाद मुझे अपने मोजे निकालने के लिए कहा गया। ऑर्बिटर (Arbiter) ने मेटल डिटेक्टर को मेरे नंगे पैर पर चलाया और हमने फिर से बीप (Beep) की आवाज सुनी।’

ऐसी गलती की सजा मिली जो मैंने की ही नहीं: एसएल नारायणन

नारायणन ने आगे लिखा, ‘इसके बाद मुझे एक तरफ खड़ा रहने के लिए कहा गया और अगले खिलाड़ी को आगे बढ़ने के लिए कहा गया। यह समझाना कठिन है कि कितना बुरा लगा जैसे कि मैं किसी ऐसी चीज के लिए दोषी हूं जिसके बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं है। यह सब प्लेइंग हॉल के बीच में हुआ। मैंने एक मोजा पकड़ा और नंगे पैर (Bare Foot) के साथ खड़ा हो गया। कल्पना कीजिए कि मुझे कैसा लगा होगा।’

कॉरपेट के नीचे से आ रही थी बीप की आवाज

नारायणन ने लिखा, ‘हालांकि, यह जांच जल्द ही समाप्त हो गई क्योंकि सुरक्षाकर्मी ने दूसरे खिलाड़ी के पैर से बीप की आवाज सुनकर कालीन के नीचे जांच करने का फैसला किया। सुरक्षाकर्मी ने पाया कि बीप का कारण कालीन ही थी। आर्बिटर ने मुझसे माफी मांगी, लेकिन मुझे बतना है कि यह कितना शर्मनाक था। ध्यान रहे, यह मेरे मैच से कुछ मिनट पहले हुआ था।’

पेशेवर तरीके से संभाला जाना चाहिए था मामला

भारतीय ग्रैंड मास्टर ने लिखा, ‘तथ्य यह है कि ऑर्बिटर ने मुझसे मांगी, इसकी सराहना करता हूं, लेकिन इस पूरी स्थिति को बेहतर तरीके से संभाला जा सकता था। हां, शतरंज (Chess) में नकल रोकने के लिए हमें ऐसे सतर्क ऑर्बिटर्स की जरुरत है, लेकिन उन्हें कुछ पेशेवर तरीके से काम करना चाहिए।’

मैग्नस कार्लसन की शिकायत के बाद सख्त हुई जांच प्रक्रिया

इस साल सितंबर में पांच बार के विश्व चैंपियन (World Champion) मैग्नस कार्लसन (Magnus Carlsen) ने अमेरिकी ग्रैंड मास्टर हंस नीमन (Hans Niemann) पर धोखा देने का आरोप लगाया था, तब से शतरंज ओवर-द-बोर्ड टूर्नामेंट में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जांच पहले भी होती थी, लेकिन अब और सख्त हो गई है। यह जांच इसलिए की जाती है कि क्योंकि आशंका रहती है कि शतरंज के खिलाड़ी टूर्नामेंट में अपने साथ सबसे छोटे गैजेट ले जा सकते हैं, इसलिए सुरक्षा जांच के दौरान एक छोटी सी बीप भी संदेह पैदा करती है।

एसएल नारायणन ने 3 दिन पहले ही देश के लिए जीता था कांस्य पदक

सुरक्षा जांच प्रवेश द्वार पर की जाती है, जबकि डिटेल सर्च सामान्यतया निजी तौर पर की जाती है। ऐसा लगता है कि नारायणन इस बात से चिढ़ गए थे कि उन्हें प्लेइंग हॉल के बीच में नंगे पांव खड़ा किया गया था, जबकि अन्य खिलाड़ी शायद उन्हें घूर रहे थे। नारायणन ने 3 दिन पहले विश्व टीम शतरंज चैंपियनशिप में भारत के लिए व्यक्तिगत कांस्य पदक जीता था। उन्होंने फिडे और टूर्नामेंट आयोजकों से ‘खिलाड़ियों को इस तरह के अपमान से बचाने’ के लिए कहा।