International Cricketers Ready To Reject National Central Contracts: दुनिया के शीर्ष टी20 पुरुष खिलाड़ियों में से 40% फ्री एजेंट के तौर पर खेल रहे हैं। मतलब दुनिया भर की आकर्षक घरेलू टी20 लीग (Domestic T20 League) में हिस्सा लेने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय टीम (National Cricket Team) के कॉन्ट्रैक्ट (Contract) से खुद को अलग कर लिया है। अन्य 42% क्रिकेटर्स (Cricketers) कम से कम एक विदेशी टी20 लीग (Foreign T20 League) खेलने के लिए राष्ट्रीय और घरेलू अनुबंध (Domestic Contract) के संयोजन वाला हाइब्रिड मॉडल (Hybrid Model) अपना रहे हैं।
इसका मतलब है कि शीर्ष 100 टी20 खिलाड़ियों में से 82% सिर्फ एक राष्ट्रीय अनुबंध से बंधे नहीं रहना चाहते हैं। खास यह है कि पहले यही राष्ट्रीय अनुबंध खिलाड़ियों के लिए भरण-पोषण और सुरक्षा का एकमात्र मार्ग हुआ करता था। यह निष्कर्ष फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (Federation of International Cricketers Association) की 2022 मेन्स ग्लोबल एम्प्लॉयमेंट रिपोर्ट (Men’s Global Employment Report) में निकला है।
फिका (FICA) ने अपनी सालाना रिपोर्ट (Annually Report) में कहा है कि क्रिकेट पारिस्थितिकी तंत्र में बड़ा बदलाव हो रहा है। भारत को छोड़कर बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर अपने देश का केंद्रीय अनुबंध ठुकराकर दुनिया भर की टी20 लीग में खेलने के लिए फ्रीलांस एजेंट (जो राष्ट्रीय टीम से अनुबंधित नहीं होते और कहीं भी खेल सकते हैं) बन रहे हैं। भारत की खिलाड़ी संस्था फिका (FICA) के दायरे में नहीं आती, इसलिए इस सर्वेश्रण (Survey) में भारतीय क्रिकेटर (Indian Cricketer) शामिल नहीं हैं।
नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, ‘अगर घरेलू लीग में खेलने के लिए अधिक राशि (More Money) मिलती है तो 49 प्रतिशत खिलाड़ी केंद्रीय अनुबंध ठुकराने पर विचार कर सकते हैं।’ ऐसी बहस चल रही है कि 50 ओवर का क्रिकेट तेजी से क्रेज कम हो रहा है। इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि ऐसे क्रिकेटर्स के प्रतिशत में गिरावट आई है, जिन्हें अब भी लगता है कि एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप (ODI World Cup) अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (International Cricket Council) के कैलेंडर का सबसे अहम टूर्नामेंट है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘हालांकि, 54 प्रतिशत को अब भी लगता है कि 50 ओवर का विश्व कप आईसीसी की शीर्ष प्रतियोगिता है। वैसे 2018-19 में जब फिका ने सर्वेक्षण कराया था तब यह आंकड़ा 86 प्रतिशत था।’ रिपोर्ट के अनुसार आईसीसी रैंकिंग में शीर्ष नौ में शामिल टीमों ने 2021 में औसत 81.5 दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला, जबकि 10वें से 20वें स्थान की टीम के लिए यह औसत 21.5 दिन रहा।
साल 2021 में 485 अंतरराष्ट्रीय मुकाबले खेले गए, जो कोविड-19 के बीच 2020 में हुए 290 मुकाबलों की तुलना में 195 अधिक हैं। यह आंकड़ा हालांकि 2019 में दुनिया भर में हुए 522 मैच से कम है। मोहम्मद रिजवान 2021 में 80 कैलेंडर दिन खेलकर सबसे अधिक दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ी रहे। भारतीय क्रिकेटर्स में ऋषभ पंत 75 दिन के साथ शीर्ष पर रहे। जो रूट ने 2021 में 78 दिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेली।
FICA के सर्वे में 11 देशों के 400 खिलाड़ियों से प्रतिक्रियाएं ली गईं। इनमें से अधिकांश अंतराष्ट्रीय क्रिकेटर हैं। सर्वेक्षण में भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों को शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि इन दोनों देश में खिलाड़ियों का कोई ऐसा संघ नहीं है जो FICA से संबद्ध हो। फिका (FICA) रिपोर्ट का यह तीसरा संस्करण है। इससे पहली बार 2018 और फिर 2020 में आयोजित किया गया था।