जिम्बाब्वे के खिलाफ कल से शुरू हो रही तीन मैचों की वनडे श्रृंखला में भारत की बेंच स्ट्रेंथ की आजमाइश होगी जबकि युवा और कुछ सीनियर खिलाड़ी इस मौके को भुनाने की फिराक में होंगे ।

बांग्लादेश के हाथों श्रृंखला की हार झेलने के बाद भारतीय टीम का यह पहला दौरा है और अब वह विरोधी को हलके में लेने की गलती नहीं करेगी चूंकि जिम्बाब्वे ने पिछले कुछ अर्से में अच्छा प्रदर्शन किया है ।

सीनियरों की गैर मौजूदगी में कप्तानी संभालने वाले युवा बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे को भी चयनकर्ताओं के भरोसे पर खरा उतरना है । उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ आखिरी दो वनडे में टीम से बाहर कर दिया गया था और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने इस फैसले को सही साबित करते हुए कहा था कि वह धीमी पिचों पर स्ट्राइक रोटेट करने में नाकाम रहे हैं ।

रहाणे ने आलोचना को सकारात्मक ढंग से लिया लेकिन जिम्बाब्वे में भी उनका सामना धीमी पिचों से होगा । उन्हें भारतीय मध्यक्रम में अपनी जगह पक्की करने के लिये अच्छा प्रदर्शन करना होगा क्योंकि राबिन उथप्पा, मनोज तिवारी, केदार जाधव, अंबाती रायुडू और मनीष पांडे भी चयनकर्ताओं का ध्यान खींचना चाहेंगे।

तेज आक्रमण की अगुवाई भुवनेश्वर कुमार करेंगे और उनके साथ नयी गेंद मोहित शर्मा संभालेंगे । यह देखना होगा कि रहाण्ो तीन तेज गेंदबाजों को लेकर उतरते हैं या नहीं । ऐसा होने पर धवल कुलकर्णी को भी मौका मिल सकता है ।

टीम के सबसे सीनियर खिलाड़ी आफ स्पिनर हरभजन सिंह हैं जबकि अक्षर पटेल का भी अंतिम एकादश में रहना तय है ।
पाकिस्तान के ऐतिहासिक दौरे पर जिम्बाब्वे टीम दोनों वनडे और टी20 श्रृंखला हार गई लेकिन अपने प्रदर्शन से उसके खिलाड़ियों ने ध्यान खींचा ।

कप्तान एल्टन चिगुंबुरा की अगुवाई में उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी की । सिकंदर रजा, वुसी सिबांडा और चामू चिभाभा ने उम्दा पारियां खेली । आस्ट्रेलिया के डेव वाटमोर ने अपने खिलाड़ियों पर काफी मेहनत की है और उन्हें टीम पर भरोसा है ।

वाटमोर ने कहा ,‘‘ भारतीय टीम बेहतरीन है लेकिन इस टीम में दूसरे खिलाड़ी हैं । अब दबाव अलग तरह का होगा और हमें अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है । जीतने पर लोग कहेंगे कि यह दोयम दर्जे की टीम थी लेकिन हारने पर कहेंगे कि हम दोयम दर्जे की टीम को भी नहीं हरा सके । मामला पेचीदा है ।’’