साउथ अफ्रीका के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज भारत के 2 खिलाड़ी साई सुदर्शन और कुलदीप यादव के लिए अहम होगी। साई सुदर्शन जगह पक्की करनी चाहेंगे। वहीं, कुलदीप यादव को रविचंद्रन अश्विन की भरपाई करके भारतीय टेस्ट टीम में मुख्य स्पिनर के तौर पर खुद को स्थापित करने का मौका होगा। अश्विन, रोहित शर्मा और विराट कोहली के संन्यास के बाद पहली बार भारतीय टीम घरेलू सरजमीं पर SENA देशों की किसी टीम से भिड़ेगी।

भारतीय टीम ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियन साइकल 2025-27 (WTC 2025-27) की शुरुआत शुभमन गिल की कप्तानी में इंग्लैंड दौरे पर 5 मैचों की टेस्ट सीरीज 2-2 से बराबरी करके की। इसके बाद घरेलू सरजमीं पर वेस्टइंडीज के खिलाफ 2 मैचों की टेस्ट सीरीज 2-0 से अपने नाम की थी। इंग्लैंड दौरे पर साई सुदर्शन को नंबर-3 पर आजमाया गया। 3 मैचों की 6 पारियों में उन्होंने 140 रन बनाए। इसके बाद उन्हें वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में नंबर-3 पर मौका मिला।

वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में कुछ खास प्रदर्शन नहीं

वेस्टइंडीज जैसी कमजोर टीम के खिलाफ टेस्ट सीरीज में साई के पास नंबर 3 पर जगह पक्का करने का मौका था। उन्होंने 1 अर्धशतक की मदद से 133 रन बनाए। इसके बाद साई ने साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ 2 मैचों की अनाधिकारिक टेस्ट सीरीज में 84 रन बनाए। अब साई को साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में नंबर 3 पर मौका मिलेगा तो उन्हें अच्छा प्रदर्शन करना होगा।

साई सुदर्शन का टेस्ट करियर

साई को ध्यान रखना होगा कि ध्रुव जुरेल को शानदार प्रदर्शन करने के कारण बतौर बल्लेबाज खिलाने की चर्चा चल रही है। ध्यान रखना चाहिए कि देवदत्त पडिक्कल जैसा खिलाड़ी बाहर बैठा है। ऐसे में साउथ अफ्रीका के खिलाफ तमिलनाडु के इस बल्लेबाज के बल्ले से रन नहीं निकलते हैं तो उन्हें बेंच पर बिठाया जा सकता है। साई ने 5 मैचों की 9 पारियों में 30.33 के औसत से 273 रन बनाए हैं। इसमें 2 अर्धशतक शामिल हैं।

7 साल में केवल 15 टेस्ट खेले कुलदीप

कुलदीप यादव की तुलना ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज स्पिनर शेन वॉर्न से होती है। इसके बाद भी उन्हें 2018 में भारत के लिए टेस्ट डेब्यू करने के बाद केवल 15 टेस्ट खेलने को मिले हैं। उनके आंकड़े शानदार हैं, लेकिन अश्विन और जडेजा की मौजूदगी में कुलदीप को ज्यादा खेलने को नहीं मिला। उन्होंने 21.69 के औसत से 68 विकेट लिए हैं। कुलदीप की जगह पर खतरा नहीं है, लेकिन उन्हें खुद को भारतीय टेस्ट टीम का प्रमुख स्पिनर बनने के लिए साउथ अफ्रीका के खिलाफ सीरीज में दमदार प्रदर्शन करना होगा। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा 12 विकेट लिए थे।

भारत में प्रमुख स्पिनर के तौर पर जगह पक्की करने पर निगाहें

कोच शुभमन गिल और गौतम गंभीर बल्लेबाजी में गहराई चाहते हैं। ऐसे में विदेश में रविंद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर का खेलना तय है और कुलदीप को शायद ही मौका मिले। ऐसा रविचंद्रन अश्विन के साथ भी होता था। वह भारत में टीम के प्रमुख गेंदबाज होते थे, लेकिन विदेश में मौका कम मिलता था।

साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ खराब प्रदर्शन

भारतीय टीम मैनेजमेंट भी कुलदीप को अश्विन के जाने के बाद भारत में प्रमुख स्पिनर के तौर पर देख रही है। यही कारण है ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज के बीच में ही उन्हें इंडिया ए बनाम साउथ अफ्रीका ए दूसरा अनाधिकारिक टेस्ट खेलने के लिए भारत भेजा गया। इंडिया ए को हार का सामना करना पड़ा और कुलदीप का प्रदर्शन काफी लचर रहा। पहली पारी में उन्होंने 11 ओवर में 66 रन देकर 1 विकेट लिए। दूसरी पारी मे् 17 ओवर में 81 रन देकर कोई विकेट नहीं लिया।