भारतीय खेलों के लिहाज से रविवार 14 सितंबर 2025 बहुत खास रहा। पुरुष एशिया कप क्रिकेट में भारतीय पुरुषों ने दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में परंपरागत प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को धूल चटाई। वहीं एशिया कप हॉकी में भारतीय महिलाओं ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। विश्व मुक्केबाजी में जैसमीन और मीनाक्षी के रूप में भारत को दो विश्व चैंपियन मिलीं।
उधर, हॉन्गकॉन्ग में सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट में हालांकि, भारत ने दो खिताब जीतने का सुनहरा मौका गंवा दिया, लेकिन सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की भारतीय जोड़ी ने मेन्स डबल्स और स्टार भारतीय शटलर लक्ष्य सेन ने मेन्स सिंगल्स में सिल्वर मेडल अपने नाम किया।
एशिया कप 2025: भारत ने पाकिस्तान को 7 विकेट से हराया
भारत ने एशिया कप 2025 के एकतरफा मुकाबले में पाकिस्तान को 7 विकेट से हरा दिया। पहलगाम आतंकी हमले के कारण इस मैच के बहिष्कार की मांग की गई थी। दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम पर खेले गए मैच में सूर्यकुमार यादव की टीम ने पहली गेंद से अंत तक पाकिस्तान को दबाव में रखा। सूर्यकुमार यादव टॉस के समय और मैच खत्म होने के बाद भी पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाया।
स्पिनर अक्षर ने चार ओवर में 18 रन देकर दो, कुलदीप ने चार ओवर में 18 रन देकर 3 और वरुण चक्रवर्ती ने चार ओवर में 24 रन देकर एक विकेट लिया। पाकिस्तान का कोई भी बल्लेबाज इस तिकड़ी के सामने टिक नहीं सका और टीम 20 ओवर में 9 विकेट पर 127 रन ही बना सकी। जवाब में भारत ने 15.5 ओवर में लक्ष्य हासिल कर लिया।
विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप: जैसमीन और मीनाक्षी को खिताब
भारतीय मुक्केबाजों जैसमीन लंबोरिया (57 किग्रा) और मीनाक्षी हुड्डा (48 किग्रा) ने अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया। जैसमीन और मीनीक्षी ने लिवरपूल में विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में कड़े मुकाबलों में अपने-अपने वर्ग में खिताब जीते, जबकि भारत ने विदेशी सरजमीं पर महिला वर्ग में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए चार पदक अपने नाम किए। जैसमीन ने पेरिस ओलंपिक की रजत पदक विजेता पोलैंड की जूलिया जेरेमेटा को हराकर फीदरवेट वर्ग में चैंपियन बन गई।
जैसमीन ने 57 किग्रा के फाइनल में 4-1 (30-27, 29-28, 30-27, 28-29, 29-28) से जीत दर्ज की। वहीं, पदार्पण कर रही मीनाक्षी ने जैसमीन की उपलब्धि को दोहराते हुए पेरिस ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता कजाखस्तान की नाजिम काइजेबे को 48 किग्रा वर्ग के फाइनल में 4-1 से हराकर जुलाई में विश्व कप में मिली हार का बदला चुकता किया। नुपूर शेरोन (80 प्लस किलो) और पूजा रानी (80 किलो) को गैर ओलंपिक भारवर्ग में क्रमश: रजत और कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।
भारत ने प्रतियोगिता में चार पदक जीते जो विदेशी सरजमीं पर उसका अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। इस जीत के साथ जैसमीन और मीनाक्षी विश्व चैंपियन बनने वाली भारतीय मुक्केबाजों की सूची में शामिल हो गई हैं। इससे पहले छह बार की चैंपियन एमसी मेरीकॉम (2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018), दो बार की विजेता निकहत जरीन (2022 और 2023), सरिता देवी (2006), जेनी आरएल (2006), लेखा केसी (2006), नीतू गंघास (2023), लवलीना बोरगोहेन (2023) और बूरा (2023) यह खिताब जीत चुकी हैं।
महिला एशिया कप हॉकी फाइनल: भारत ने विश्व कप में सीधे प्रवेश का मौका गंवाया
एक गोल से बढ़त बनाने के बावजूद आखिरी क्वार्टर में लय खोने वाली भारतीय टीम दुनिया की चौथे नंबर की टीम चीन से महिला एशिया कप हॉकी फाइनल में 1-4 से हारकर अगले साल होने वाले विश्व कप के लिए सीधे क्वालिफाई करने से भी चूक गई। विश्व रैंकिंग में नौवे स्थान पर काबिज भारतीय टीम के पास अगले साल अगस्त में बेल्जियम और नीदरलैंड्स में होने वाले विश्व कप के लिए सीधे क्वालिफाई करने का यह सुनहरा मौका था।
पुरुष टीम ने इस महीने की शुरुआत में राजगीर में हुए एशिया कप के फाइनल में कोरिया को 4-1 से हराकर खिताब जीतने के साथ विश्व कप के लिए क्वालिफाई किया था। चीन ने इससे पहले 1989 में हॉन्गकॉन्ग और 2009 में बैंकाक में एशिया कप जीता था।
भारत को अपनी अनुभवी गोलकीपर सविता और पेनल्टी कॉर्नर विशेषज्ञ दीपिका की कमी फाइनल में खली। दोनों चोट के कारण यह टूर्नामेंट नहीं खेल पाईं। वहीं मुमताज खान, लालरेम्सियामी और सुनेलिटा टोप्पो फाइनल में अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतर पाईं। भारत को अब विश्व कप में जगह बनाने के लिए क्वालिफायर खेलने होंगे।
सात्विक-चिराग और लक्ष्य सेन की चांदी
भारत ने हॉन्गकॉन्ग में 14 सितंबर 2025 को तब दो खिताब जीतने का सुनहरा मौका गंवा दिया जब सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की पुरुष युगल टीम और लक्ष्य सेन को हॉन्गकॉन्ग ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में हार के साथ उप विजेता से संतोष करना पड़ा। लक्ष्य दुनिया के चौथे नंबर के खिलाड़ी ली शी फेंग की चुनौती के सामने बिल्कुल भी नहीं टिक पाए।
लक्ष्य सेन को पुरुष एकल के एकतरफा फाइनल में 15-21 12-21 से हार का सामना करना पड़ा। पिछले साल नवंबर में सैयद मोदी सुपर 300 के बाद पहली बार फाइनल में खेल रहे लक्ष्य अपने चिर-परिचित प्रतिद्वंद्वी ली को टक्कर नहीं पाए जिनके खिलाफ वह जूनियर दिनों से चली आ रही प्रतिद्वंद्विता में 14वीं बार खेल रहे थे। भारतीय खिलाड़ी को अब तक 7-6 के जीत-हार के रिकॉर्ड के साथ मामूली बढ़त हासिल थी, लेकिन चीनी खिलाड़ी ने मौजूदा सत्र में ऑल इंग्लैंड और चीन ओपन दोनों में उन्हें हराकर दबदबा बनाया था।
पिछले महीने लगातार दूसरी बार विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली दुनिया की नौवें नंबर की भारतीय जोड़ी को पहला गेम जीतने के बावजूद 61 मिनट तक चले संघर्षपूर्ण फाइनल में ओलंपिक रजत पदक विजेता लियांग वेई केंग और वैंग चैंग की चीन की दुनिया की छठे नंबर की जोड़ी के खिलाफ 21-19 14-21 17-21 से शिकस्त झेलनी पड़ी। थाइलैंड ओपन जीतने के बाद यह भारतीय जोड़ी 16 महीनों में पहली बार फाइनल में खेल रही थी। इस हार के कारण सुपर 500 फाइनल में इस जोड़ी का परफेक्ट रिकॉर्ड भी टूट गया।