इंग्लैंड के खिलाफ विशाखापत्तनम टेस्ट के तीसरे भारतीय युवा बल्लेबाज शुभमन गिल के बल्ले से शतक निकला। 11 महीने बाद गिल टेस्ट फॉर्मेट में शतकीय पारी खेलने में कामयाब रहे। रनों के सूखे के कारण यह खिलाड़ी लगातार दिग्गजों की आलोचना का शिकार हो रहे थे। गिल के लिए शतक काफी अहम था लेकिन फिर भी उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में इसका जश्न नहीं मनाया।
गिल ने नहीं मनाया शतक का जश्न
शुभमन गिल के खराब फॉर्म के कारण उन्हें टीम से बाहर करने की मांग होने लगी थी। जबसे उन्हें ओपनिंग की जगह तीसरे नंबर पर भेजा गया वह अर्धशतक भी नहीं जमा पाए। ऐसे में जब उनके बल्ले से शतक निकला तो युवा खिलाड़ी के चेहरे पर राहत दिखाई दी। इसके बावजूद उन्होंने झुक कर हमेशा की तरह इसका जश्न नहीं मनाया।
शुभमन गिल ने इस कारण नहीं मनाया जश्न
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल से इसकी वजह पूछी गई। उन्होंने जवाब में कहा, ‘मुझे उस समय ऐसा लगा कि टीम के लिए जो मुझे करना है वह मैं नहीं कर पाया हूं। इसलिए मैंने शतक का जश्न उस तरह नहीं मनाया।’ गिल ने कहा, ‘तीसरे नंबर पर रन बनाना मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण और बहुत संतोषजनक था। बहुत अच्छा लगा, खासकर उस समय जब हमने यशस्वी और रोहित के विकेट गंवा दिये थे।’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लिए बड़ी बढ़त लेना और जितने ज्यादा हो सके रन जुटाना काफी अहम था। ’
चौथे दिन फीलिंग करने नहीं उतरे गिल
दोहरा शतक लगाने के बाद शुभमन गिल सोमवार को मैदान पर नहीं उतरे। बीसीसीआई ने उनकी चोट को लेकर अपडेट दिया। बोर्ड ने एक्स पर लिखा, ‘शुभमन गिल दूसरे दिन के खेल में उनकी अंगुली में चोट लगी थी और इसी वजह से वह चौथे दिन फिल्डिंग करने नहीं उतरेंगे।’ गिल की जगह पहली बार टीम इंडिया में चुने गए सरफराज खान फील्डिंग करने उतरे। सरफराज को प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला था। चोटिल केएल राहुल की जगह टीम ने रजत पाटीदार को डेब्यू कराया। हालांकि पाटीदार दोनों पारियों में कुछ खास नहीं कर पाए।