टीम इंडिया (Team India) ने रविवार यानी 24 नवंबर 2019 को अपने पहले डे-नाइट टेस्ट में बांग्लादेश को एक पारी और 46 रन से हरा दिया। कोलकाता के ईडन गार्डंस में पिंक बॉल (गुलाबी गेंद) से खेले गए इस मैच को भारत ने महज 2 दिन और 45 मिनट में जीत लिया। भारत का पिंक बॉल से टेस्ट मैच जीतना काफी अहम है, क्योंकि क्रिकेट खेलने वाली नामी देशों में सिर्फ वह था, जो अब तक डे-नाइट टेस्ट खेलने से इनकार कर रहा था। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया से भारत की खुशी बर्दाश्त नहीं हो रही है। यही वजह है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के कप्तान टिम पेन ने भारत की जीत के बाद पत्रकारों के सामने विराट कोहली का मजाक उड़ाया।

रविवार को ऑस्ट्रेलिया ने ब्रिसबेन के गाबा मैदान पर पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के पहले टेस्ट मैच में एक पारी और 5 रन से जीत हासिल की थी। मैच जीतने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन से भारत के साथ पिंक बॉल से टेस्ट खेलने को लेकर सवाल पूछा गया। इस पर पेन को अपनी भड़ास निकालने का मौका मिला। उन्होंने कहा, ‘देखना होगा कि क्या विराट कोहली इसकी मंजूरी देते हैं।’ दरअसल, पेन से पूछा गया था कि क्या भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच अगली सीरीज का पहला मैच ब्रिस्‍बेन में हो सकता है।

पेन ने कहा, ‘निश्चित रूप से हम कोशिश करेंगे। हमें इसमें कोहली से बात करनी होगी। मुझे उम्‍मीद है कि हमें उनसे जवाब मिल जाएगा। हम अगली गर्मियों की शुरुआत यहां (ब्रिस्‍बेन) पर करना चाहेंगे। आखिरी बार को छोड़ दें तो हम यहां खेलते आ रहे हैं। हालांकि, जैसा मैं पहले ही कह चुका हूं कि हम विराट से बात करेंगे। हमें विराट से पूछना होगा। देखने वाली बात होगी कि हम क्या उन्हें यहां खेलने के लिए तैयार कर पाते हैं। अगर उनका मूड ठीक रहा तो संभव है वे पिंक बॉल से टेस्‍ट मैच खेलने की बात भी करेंगे।’

इससे पहले ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज गेंदबाज शेन वॉर्न ने भी दोनों देशों के बीच एडिलेड में पिंक बॉल से टेस्‍ट मैच होने की उम्‍मीद जताई थी। उन्‍होंने इस बारे में सोशल मीडिया के जरिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरव गांगुली से भी जानकारी चाही थी। यहां इस बात पर गौर करना होगा कि भारत ने अपने पिछले दौरे में ऑस्‍ट्रेलिया की पिंक बॉल से खेलने की मांग ठुकरा दी थी।

 

बता दें कि गाबा की पिच ऑस्‍ट्रेलियाई टीम को काफी रास आती है। इस पिच पर उसके गेंदबाज अतिरिक्त उछाल लेने में सफल रहते हैं। तेज गेंदबाजों की गेंद काफी तेजी से निकलती है। स्पिनर्स को यहां गेंद को ज्यादा बाउंस कराने में सफल रहते हैं। इससे मैच में ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा भारी हो जाता है। ऐसे हालात में ऑस्‍ट्रेलियाई बल्‍लेबाजों मेहमान टीमों की तुलना में ज्‍यादा तैयार होते हैं। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 1931 के बाद से इस मैदान पर 62 टेस्ट मैच खेले हैं। इनमें से सिर्फ 8 टेस्‍ट ही वह हारी है।