भारत को बहरीन में एशियाई क्रास कंट्री चैंपियनशिप में सोमवार को तीन पदकों से वंचित होना पड़ा क्योंकि भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने टीम स्पर्धा में जरूरी संख्या में खिलाड़ी नहीं उतारे थे। भारत ने चैंपियनशिप में सीनियर पुरुष, सीनियर महिला, जूनियर पुरुष और जूनियर महिला वर्ग में तीन-तीन एथलीट उतारे थे और पहले को छोड़कर देश बाकी तीन में कम से कम कांस्य पदक जीत सकता था क्योंकि उनके अंकों का कुल योग सबसे ज्यादा था। लेकिन मनामा में हुई चैंपियनशिप में भारत को एक भी पदक नहीं मिला।
सूत्रों ने कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि प्रत्येक देश को एक स्पर्धा में चार धावक उतारने थे हालांकि टीम नतीजे के लिए केवल शीर्ष तीन का प्रदर्शन ही कुल अंकों में गिना जाता। भारत ने प्रत्येक स्पर्धा में केवल तीन एथलीट उतारे थे। अंक प्रत्येक खिलाड़ी की पोजीशन को देखकर दिए जाते हैं जैसे विजेता को एक, दूसरे नंबर पर रहने वाले को दो और तीसरे नंबर पर रहने वाले को तीन अंक मिलते हैं। ऐसे में जिस टीम के सबसे कम कुल अंक होते हैं उसे स्वर्ण पदक मिलता है। संपर्क करने पर एएफआइ अध्यक्ष आदिल सुमरिवाला ने कहा कि वे मुख्य संचालन अधिकारी मनीष कुमार के साथ बैठक कर रहे हैं और जवाब नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि परिणाम शीट से साफ था कि भारत को तीन कांस्य पदक मिलने चाहिए थे लेकिन क्यों नहीं मिले आपको बाद में इसके कारण बताऊंगा।
महिलाओं के सीनियर वर्ग में बहरीन की एथलीटों ने पहले तीन स्थान हासिल किए थे जबकि भारत की संजीवनी जाधव, स्वाति गधावे और मनीषा सालुंके सातवें, दसवें और 17वें स्थान पर रही थी। इससे भारत के कुल 34 अंक हो गए थे और टीम तालिका में वह बहरीन और चीन के बाद तीसरे स्थान पर आता।
जूनियर पुरुष वर्ग में बहरीन ने टीम स्वर्ण जीता। जापान को रजत मिला क्योंकि उसके तीन धावक चौथे, पांचवें और छठे स्थान पर रहे। भारत को 29 अंक से कांसा मिल सकता था क्योंकि किसान नर्सी तादवी, अनसर इमान दारगीवाले और अनिल कुमार यादव क्रम से आठवें, 10वें और 11वें स्थान पर रहे थे। लेकिन ईरान (49 अंक) को कांस्य पदक विजेता घोषित किया गया।
जूनियर महिला वर्ग में भी ऐसा ही हुआ। बहरीन को आठ अंक से स्वर्ण जबकि जापान को रजत पदक मिला। भारत को कुल 49 अंक से कांस्य पदक मिल सकता था क्योंकि आरती दत्तारे, नंदिनी गुप्ता और सुधा पाल क्रम से 11वें, 12वें और 16वें स्थान पर रही थीं। लेकिन जोर्डन जिसे 50 अंक मिले थे, उसे कांसा दे दिया गया क्योंकि उसने चार धावक उतारे थे।